मुंबई। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में अगले महीने मराठा समुदाय ओबीसी श्रेणी से आरक्षण देने की मांग को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में बड़ा विरोध प्रदर्शन करने वाला है। शुक्रवार को जरांगे का एक प्रतिनिधिमंडल ग्राउंड का निरीक्षण करने मुंबई पहुंचा है। इस बीच मनोज जरांगे ने साफ कहा है कि अगर मुंबई में आंदोलन की इजाजत नहीं दी गयी तो वे मुंबई में ही आमरण अनशन पर बैठेंगे। उन्होंने गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी चेतावनी दी है। साथ ही, जरांगे ने पूरे मराठा समुदाय से विरोध स्थल पर आने और मराठा आरक्षण आंदोलन का समर्थन करने का अनुरोध किया है।
नहीं रद्द होगा मराठा आंदोलन
मीडिया से बातचीत के दौरान मनोज जरांगे ने कहा, मराठा समाज को गुटबाजी में नहीं पड़ना चाहिए। सभी को एक साथ आना चाहिए। यह गरीब मराठों के बच्चों के भविष्य का मामला है। जरांगे ने आगे कहा कि मराठा प्रदर्शनकारियों को बड़ी संख्या में मैदान की जरूरत होगी, इसकी तैयारी की जा रही है। जरांगे ने स्पष्ट किया कि किसी भी हालत में मुंबई में मराठाओं का विरोध प्रदर्शन का फैसला रद्द नहीं किया जाएगा। मनोज जरांगे ने चेतावनी देते हुए कहा 20 जनवरी को बड़ी संख्या में मराठा मुंबई आएंगे और अगर सरकार ने उनकी गाड़ियां रोकीं तो हम सीधे गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दरवाजे पर धरना देंगे। अगर हमारी गाड़ियाँ रोक दी जाएँगी तो हम अपना सामान कैसे ले जाएँगे? हमें मुंबई में रहने के लिए टेंट, दैनिक जीवन की चीजें चाहिए, जो हम ट्रैक्टर-ट्रॉली से लेकर मुंबई आने वाले हैं। हम इसमें पत्थर भरकर नहीं लाएंगे। मराठा समुदाय से अपील करते हुए जरांगे ने कहा कि सरकार हमारे खिलाफ कार्रवाई करेगी… इसलिए मराठों से अपील की है कि वे इस बात से न घबराएं कि उनकी गाड़ियां जब्त कर ली जाएंगी। दरअसल मराठा मोर्चा के दौरान शहर में लाखों की संख्या में वाहनों के आने की उम्मीद है।
पुलिस ने कसी कमर
पिछले महीने मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटील ने मराठा आरक्षण को लेकर नौ दिन से जारी अपना अनिश्चितकालीन अनशन खत्म किया था। तब राज्य सरकार ने दो महीने में समुदाय को आरक्षण का लाभ देने का वादा किया था। हालांकि जरांगे ने तब उचित कदम नहीं उठाये जाने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी थी। जरांगे ने कहा था कि यदि दो महीने के भीतर मराठा आरक्षण पर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वह मुंबई तक एक विशाल मार्च का नेतृत्व करेंगे। महाराष्ट्र में मराठा शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। मांग को लेकर जरांगे द्वारा अनिश्चितकालीन अनशन की घोषणा के बाद आंदोलन को नयी गति मिली। मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान राज्य भर में हिंसा भी भड़की थी, तब कई विधायकों, नेताओं के घरों, दफ्तरों और सरकारी संपत्तियों में आगजनी, तोड़फोड़ की गई। हालांकि मुंबई तक आने वाले मराठा मोर्चा के लिए पुलिस ने कमर कस ली है और मराठा समाज के प्रमुख चेहरों को नोटिस भेजा जा चुका है।