
मुंबई। मुंबई उपनगरीय जिले के मालवणी क्षेत्र में जिला प्रशासन ने सरकारी भूमि और संरक्षित मैंग्रोव क्षेत्र से सटे अतिक्रमणों को हटाने के लिए बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान चलाया। इस अभियान में लगभग 280 झोपड़ियों को हटाकर 10,000 वर्ग मीटर सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया। महाराष्ट्र सरकार ने 2000 तक झुग्गी बस्तियों को संरक्षण प्रदान किया था और फिर 2011 तक झोपड़ियों को सशुल्क संरक्षण दिया गया। हालांकि, झोपड़पट्टी पुनर्वास योजना के तहत मुफ्त घर पाने की उम्मीद ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की प्रवृत्ति बढ़ा दी, जिससे स्थानीय प्रतिनिधियों से शिकायतें भी मिली थीं। इस पर गंभीरता दिखाते हुए प्रशासन ने झोपड़पट्टी पुनर्वास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महेंद्र कल्याणकर और मुंबई उपनगरीय जिले के जिला कलेक्टर सौरभ कटियार के निर्देशानुसार कार्रवाई की। पश्चिमी उपनगरों के अतिरिक्त जिला कलेक्टर गणेश मिसाल और मलाड के प्रभारी उप जिला कलेक्टर विनायक पाडवी ने 3 और 4 नवंबर को बृहन्मुंबई महानगरपालिका और मालवणी पुलिस स्टेशन के सहयोग से यह अभियान चलाया। अभियान के दौरान अली झील और उसके आसपास के अतिक्रमणों को भी हटाया गया, जिससे झील क्षेत्र अतिक्रमण मुक्त हो गया। हटाए गए अतिक्रमणों में कुछ 2 से 3 मंजिला कंक्रीट के ढांचे भी शामिल थे। अभियान के दौरान अतिक्रमणकारियों का प्रदर्शन भी देखा गया। इस बार प्रशासन ने उपग्रह चित्रों का उपयोग कर अतिक्रमणों का पता लगाया और हटाने की कार्रवाई की। भविष्य में भी अतिक्रमण पाए जाने पर आधुनिक तकनीक का उपयोग कर उन्हें हटाया जाएगा और इसके लिए अतिक्रमणधारक पूरी तरह जिम्मेदार होंगे। अतिरिक्त जिला कलेक्टर (अति/निष्का) गणेश मिसाल ने कहा, “सरकारी भूमि और संरक्षित वन क्षेत्रों पर अतिक्रमण किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी।



