
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पुलिस ने 16 लाख रुपए के निवेश घोटाले में शामिल चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस की ओर से जारी बयान के अनुसार, साइबर पुलिस स्टेशन की टीम ने अहमदाबाद (गुजरात) के रहने वाले चार आरोपियों- मनीष दिलीप भाई कोष्टी (37), मोहम्मद जैद ए. सिदी (28), मोहम्मद एजाज खिमाणी (35) और शेख अबरार (27)को दबोचा। पुलिस ने इनके पास से छह मोबाइल फोन, छह डेबिट कार्ड और आठ सिम कार्ड बरामद किए हैं।
व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये ठगा गया था पीड़ित
दिल्ली के पालम कॉलोनी के ए. कुमार ने शिकायत दी थी कि उन्हें “71 एबॉट” नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया था। ग्रुप के एडमिन और सदस्य खुद को एक निवेश फर्म का प्रतिनिधि बताते हुए 300 प्रतिशत मुनाफे का लालच दे रहे थे। इसी झांसे में उन्होंने अलग-अलग चरणों में कुल 16 लाख रुपये का भुगतान कर दिया। शिकायत के आधार पर 27 अक्टूबर को मामला दर्ज किया गया और पुलिस ने जांच शुरू की।
ठगी की रकम का डिजिटल ट्रेल मिला
तकनीकी सर्विलांस और डिजिटल फुटप्रिंट्स की जांच में पता चला कि ठगी की गई रकम का एक हिस्सा यूसीओ बैंक और आरबीएल बैंक खातों के जरिए भेजा गया था, जिसे बाद में क्रेडिट और रेज़रपे जैसे पेमेंट गेटवे से होकर आरोपी मनीष कोष्टी के एचडीएफसी खाते में ट्रांसफर किया गया। अहमदाबाद में छापेमारी के दौरान पुलिस ने मनीष कोष्टी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने बताया कि वह ठगी की राशि को 5 प्रतिशत कमीशन पर क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान और अन्य माध्यमों से “सेटल” करता था। उसी ने अपने तीन साथियों के नाम भी बताए, जिसके बाद बाकी तीनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
कई राज्यों में फैला हुआ था गिरोह का नेटवर्क
जांच में खुलासा हुआ कि यह गिरोह पहले मोबाइल फोन खरीदने-बेचने का काम करता था, लेकिन बाद में उन्होंने अहमदाबाद में एक ऑफिस खोलकर क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान, यूएसडीटी की खरीद-बिक्री और अन्य माध्यमों से बड़ी मात्रा में ठगी की रकम को सफेद बनाने का धंधा शुरू कर दिया। हर ट्रांजैक्शन पर आरोपी 5 प्रतिशत कमीशन लेते थे, जिसे आपस में बांटा जाता था। पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह के खिलाफ देशभर के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 163 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं। पुलिस अब इनके नेटवर्क और धन के प्रवाह की गहराई से जांच कर रही है।



