
मुंबई। महाराष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से राज्यभर में आगामी 365 दिनों में 1200 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। यह जानकारी राज्य के सांस्कृतिक कार्य, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री और मुंबई उपनगर के संरक्षक मंत्री एडवोकेट आशीष शेलार ने बुधवार को दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कला, संगीत, रंगमंच और लोकसंस्कृति के संरक्षण और प्रसार के लिए व्यापक स्तर पर पहल कर रही है, ताकि महाराष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर को नई पीढ़ी तक जीवंत रूप में पहुँचाया जा सके।
दीप उत्सव दिवाली पहाट में सुरों की रंगत
मुंबई के मुलुंड स्थित कालिदास रंगमंच पर सांस्कृतिक कार्य निदेशालय की ओर से दिवाली के स्वागत में “दीप उत्सव दिवाली पहाट” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इस मौके पर दिवंगत गायकों आशा भोसले और सुधीर फड़के (बाबूजी) के अमर गीतों को सुरों में पिरोकर प्रस्तुत किया गया, जिससे पूरा सभागार संगीत के मधुर वातावरण से गूंज उठा। कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध गायक अजीत परब, अभिषेक नलावड़े, गायिका शाल्मली सुखतंकर और प्राजक्ता सातर्डेकर ने अपनी मनमोहक आवाज़ों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन मिलिंद कुलकर्णी ने किया, जबकि संगीत संयोजन की जिम्मेदारी दीपक कुमठेकर और अमित गोठीवेकर ने संभाली।
जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में जगमगाया कालिदास रंगमंच
इस अवसर पर पूर्व सांसद मनोज कोटक, पूर्व नगरसेवक प्रभाकर शिंदे, उत्तर पूर्व मुंबई जिला अध्यक्ष दीपक दलवी और स्मिता कांबले सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुलुंडकर दर्शकों की भारी उपस्थिति रही, जिन्होंने पूरे उत्साह के साथ कलाकारों का स्वागत किया। मंत्री आशीष शेलार ने कहा कि “महाराष्ट्र की संस्कृति हमारी पहचान है, और इन कार्यक्रमों के माध्यम से हम लोककला, संगीत, नृत्य और साहित्य को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए संकल्पित हैं।” उन्होंने बताया कि राज्य के प्रत्येक जिले में स्थानीय कलाकारों और संस्थाओं को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि सांस्कृतिक विविधता को एक सशक्त मंच मिल सके। इस कार्यक्रम ने न केवल दिवाली की उमंग को और बढ़ाया, बल्कि महाराष्ट्र की सांस्कृतिक आत्मा को भी जीवंत रूप से अभिव्यक्त किया।