मुंबई। महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसमें श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर समिति के सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 15 करने और प्रबंधन समिति के सदस्यों का कार्यकाल तीन साल से बढ़ाकर पांच साल करने का निर्णय लिया गया। यह फैसला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर महाराष्ट्र के सबसे प्रसिद्ध और प्रमुख मंदिरों में से एक है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर की प्रबंधन समिति का मंदिर के सुचारु संचालन और विकास में अहम भूमिका होती है।
कैबिनेट का फैसला और बदलाव
मंदिर समिति के सदस्यों की संख्या और उनके कार्यकाल में बढ़ोतरी की जरूरत इसलिए महसूस की गई ताकि मंदिर का बेहतर प्रबंधन और विकास हो सके। इसके साथ ही, समिति के सदस्यों का कार्यकाल अब तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया है, जिससे उनकी भूमिका दीर्घकालिक और प्रभावशाली हो सके। इस बदलाव को कानूनी रूप देने के लिए महाराष्ट्र सरकार श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्टीशिप (प्रभादेवी) अधिनियम, 1980 की धारा 5 (3) और 7 (1) में संशोधन करेगी। पहले जहां समिति में 11 सदस्य होते थे, अब यह संख्या बढ़ाकर 15 कर दी गई है। इसका उद्देश्य मंदिर के प्रबंधन में अधिक सहभागिता सुनिश्चित करना और मंदिर की गतिविधियों को और भी बेहतर तरीके से संचालित करना है। समिति के सदस्यों के कार्यकाल को तीन साल से बढ़ाकर पांच साल करने से सदस्यों को अधिक समय मिलेगा, जिससे वे मंदिर के दीर्घकालिक विकास और योजनाओं पर काम कर सकेंगे। यह कदम समिति के लिए स्थिरता लाने और बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। इस फैसले से न केवल मंदिर के प्रबंधन में सुधार होगा, बल्कि मंदिर के विकास और अन्य संबंधित गतिविधियों को गति मिलेगी।