मुंबई। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हाल ही में शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री पर मुलाकात की और मीडिया में बयान दिया कि उद्धव ठाकरे के साथ ‘छल’ किया गया है। इस बयान पर अब एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने बड़ा बयान दिया है। संजय निरुपम ने कहा कि एक शंकराचार्य को राजनीति के मुद्दों पर बयान नहीं देने चाहिए, ये गलत है। इस टिप्णी पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पलटवार करते हुए कहा कि हम संन्यासी हैं, हमें राजनीतिक बयान नहीं देना चाहिए, यह बिल्कुल ठीक बात है, लेकिन राजनीति के लोगों को भी धर्म में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। शंकराचार्य ने आगे कहा जब प्रधानमंत्री मंदिर में आकर धर्म स्थापना करने लगें, तो उन्हें मीडिया में लाइव दिखाया जाता है। वहीं, शंकराचार्य जब राजनीति की बात कर दें तो लोग कहते हैं कि यह गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि राजनीति के लोग धर्म में हस्तक्षेप बंद कर दें, तो वे भी राजनीति पर बोलना बंद कर देंगे। शंकराचार्य ने कई सवाल खड़े करते हुए कहा राजनीति के लोगों को अपने जीवन में धर्म का पालन नहीं करना चाहिए? क्या धर्माचार्य के रूप में हमें किसी को यह नहीं बताना चाहिए कि सच्चा हिन्दुत्व क्या है? क्या विश्वासघात जैसे पाप के बारे में हमें लोगों को सचेत नहीं करना चाहिए? शंकराचार्य ने यह भी कहा हमने कोई राजनीति की बात कही ही नहीं है। हमने यह बताया है कि अगर तुम हिन्दू हो तो तुम्हें किसी के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए। यह राजनीति की नहीं बल्कि धर्म की बात है। केवल हम हिन्दू हैं कह देने से काम नहीं चलता। जब हम धर्म के मर्म को जानेंगे और उसे अपने जीवन में अपनाएंगे, तभी हम हिन्दू होंगे। हमारा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, हम धर्म की व्याख्या करते हैं, लेकिन राजनीति के लोगों को भी अपने जीवन में धर्म का पालन करना चाहिए और विश्वासघात जैसा काम नहीं करना चाहिए।