बिलकुल सत्य है यह कथन कि डरा हुआ जीव आक्रामक हो जाता है। बिच्छू तभी डंक मारता है जब उसे लगता है प्राण संकट में हैं। सर्प डरता है अपनी मृत्यु से। पहले फुफकरता है मानो कह रहा हो, दूर रहो मुझसे। और जब मृत्यु आसन्न समझता है तो पलटकर काट लेता है। कुछ ऐसी ही दशा मोदी और शाह का भी है। लोकसभा चुनाव में हार का भय उन्हें और अधिक आक्रामक बना रहा है। इसके कई कारण हैं। इंडिया गठबंधन के क्षत्रप नए सिरे से 175 सीटों के बंटवारे को लेकर सहमत हो गए हैं जो बीजेपी के अब की बार चार सौ पार नारे को फेल करने वाला है। ममता बनर्जी और केजरीवाल दोनों ने डील के बाद अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की थी लेकिन इंडिया गठबंधन से अलग नहीं रहेंगे।इससे बीजेपी की धड़कने बढ़ना स्वाभाविक है। इसलिए जबकि लोकसभा चुनाव का नोटिफिकेशन जारी करने में एक महीने बाकी हैं।इस एक महीने में बीजेपी साम दाम दण्ड भेद की कूटनीतिक दाव खेलना शुरूकर दिया है। कश्मीर के पूर्व गवर्नर ने बीजेपी के भ्रष्टाचार का मामला उठाया था। जब वे काशमीर के गवर्नर थे तब अंबानी के तीन प्रोजेक्ट पास कराने के एवज में तीन सौ करोड़ रूपए घूस का प्रपोजल आरएसएस के बड़े नेता राम माधव ने की थी जिसे सत्यपाल मलिक ने इंकार कर मोदी को सूचित किया था। जिसकी जांच तो दूर मलिक को ही हटा दिया गया। अभी भी सतपाल मलिक बीजेपी के भ्रष्टाचार का मामला उठाते रहते हैं जिस कारण उनके घर दिल्ली की पुलिस पहुंचती रही है। अब फर्जी मामला बनाकर सीबीआई ने दो एफआईआर दर्ज कर ली और मलिक के हॉस्पिटल में रहने समय उनके घर छापा मारने पहुंच गई। अरविंद केजरीवाल को नौवी नोटिस ईडी ने भेज दी है। उनकी अवैधानिक गिरफ्तारी और जेल तय है। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के खिलाफ भी ईडी की कार्रवाई संभव है। इंडिया गठबंधन को पुनर्जीवित और सीटों के बंटवारे ने मोदी शाह की धड़कने बढ़ा दी है। अतः इस एक महीने में शाह की ईडी विपक्षी नेताओं को जेल भेजने की तैयारी कर ली है। अभी तक सर्वविदित है कि कोई भी राजनीतिक दल मिलने वाले चंदे के लिए इनकम टैक्स नहीं देता लेकिन आयकर विभाग के नाम पर मोदी सरकार ने कांग्रेस के तीन बैंक एकाउंट से 65 करोड़ रूपए वसूल कर निर्धन बना दिया है ताकि धन के अभाव में प्रचार नहीं किया जा सके। प्रश्न यह है कि आई टी विभाग ने बीजेपी को इलेक्ट्रोरल बॉन्ड के जरिए मिले 6000 करोड़ रुपए का इनकम टैक्स क्यों नहीं वसूले? इतना ही नहीं सुप्रीमकोर्ट द्वारा चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आठ वोट निरस्त कर बीजेपी का मेयर बनाने वाले मामले में गड़बड़ करने वाले अनिल मसीह ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। एससी के आदेश से आप पार्टी का मेयर सुप्रीमकोर्ट ने नियुक्त कर दिया। एक्ट्रोरल बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक बताकर वसूली का आदेश दे दिया। चुनाव आयुक्त चुप्पी तोड़े लेकिन लीपापोती करने लगे कि चुनाव आयोग का कोई अधिकारी गलत नहीं कर सकता क्योंकि उसे नियम पालन की पाबंदी रहती है। तब क्यों नहीं बोले मुख्य चुनाव आयुक्त? बीजेपी ने सोशल मीडिया पर भी पाबंदी लगाने का आदेश दिया है जिसपर मीडिया ने कहा, यह अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक जैसा है।वह किसी के लिखे पोस्ट को इंडिया में नहीं दिखेगी लेकिन समूची दुनिया उसे देख पढ़ सकेगी। मोदी और शाह लोकसभा चुनाव में निश्चित हार से इतना घबराए हुए हैं कि कार्यकारिणी की बैठक में तय किया गया कि चुनाव में छवि खराब होने के कारण मोदी चेहरा नहीं होंगे बल्कि बीजेपी और कमल ही चेहरा होगा। वैसे भी इंडिया गठबंधन में एका होने से बीजेपी को आशंका है कि क्या बीजेपी 272 का आंकड़ा छू भी पाएगी या नहीं। यदि 215/225 तक सिमट गई तो मोदी को किसी भी दल का समर्थन नहीं करेगी। किसान आंदोलन को कुचलने का प्रयास, बेरोजगार युवाओं, मजदूरों, पुरानी पेंशन का मामला विकराल होता चला जा रहा है। बीजेपी की नैया पार होनी असंभव है क्योंकि चुनाव पूर्व ईवीएम पर बैन लगा दिया गया तो बीजेपी की हार तय है। ईवीएम के आसरे ही बीजेपी 400 के पार का नारा दे रही है। ईवीएम बैन होने के पूर्व ई वी एम बनाने वाली भारत इलेक्ट्रोनिक में भाजपा के चार डायरेक्टर का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में है। सीजेआई चंद्र चूड़ जिस तरह से फिर फैसले देने लगे हैं बीजेपी को हार सिर पर मडराती दिख रही है। लोकसभा में हार से एक तानाशाह का अंत सुनिश्चित है।