
मुंबई। दिवंगत कांग्रेस नेता राजीव सातव की पत्नी और विधान परिषद की सदस्य (एमएलसी) प्रज्ञा सातव के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने की अटकलों ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि प्रज्ञा सातव कांग्रेस के भीतर गुटबाजी से नाराज़ होकर आगामी नगर निगम चुनावों से पहले 18 दिसंबर को औपचारिक रूप से बीजेपी में शामिल हो सकती हैं। हालांकि, कांग्रेस ने इन दावों को सिरे से खारिज किया है। कांग्रेस विधान परिषद समूह के नेता सतेज पाटिल ने कहा कि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है और उन्हें विश्वास नहीं है कि प्रज्ञा सातव पार्टी छोड़ेंगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ही प्रज्ञा सातव को विधान परिषद का अवसर दिया है और पार्टी उनके संपर्क में बनी रहेगी। राजीव सातव के निधन के बाद कांग्रेस ने प्रज्ञा सातव को विधान परिषद के लिए नामित किया था। वर्तमान में वह महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष और विधान परिषद की विधायक हैं। 2021 में कांग्रेस नेता शरद रणपिसे के निधन से खाली हुई सीट पर हुए उपचुनाव में प्रज्ञा सातव निर्विरोध चुनी गई थीं। इसके बाद 2024 में वह दोबारा परिषद के लिए निर्वाचित हुईं और उनका कार्यकाल 2030 तक है।
राजीव सातव को राहुल गांधी के करीबी और कांग्रेस के भरोसेमंद नेताओं में गिना जाता था। 2014 की मोदी लहर के दौरान वह महाराष्ट्र से चुने गए केवल दो कांग्रेस सांसदों में से एक थे। अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने पंचायत समिति सदस्य से लेकर लोकसभा और राज्यसभा सांसद तक का सफर तय किया। यूथ कांग्रेस के राज्य व राष्ट्रीय अध्यक्ष, एआईसीसी महासचिव, गुजरात प्रभारी और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य के रूप में भी उन्होंने अहम जिम्मेदारियां निभाईं। 2021 में कोविड-19 के दौरान उनके निधन से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था। फिलहाल प्रज्ञा सातव के बीजेपी में शामिल होने को लेकर जारी अटकलों पर कांग्रेस ने विराम लगाने की कोशिश की है, लेकिन नगर निगम चुनावों से पहले यह मामला राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।




