मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार मिल श्रमिकों के अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध हैं और उनके लिए बेहतर आवास सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहे हैं। आवास मंत्री अतुल सावे ने सोमवार को घोषणा की कि मिल श्रमिकों के लिए मुंबई महानगरीय क्षेत्र में 81 हजार घरों के निर्माण का समझौता किया जा रहा है। अब तक मिल श्रमिकों के 1 लाख 74 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 1 लाख 8 हजार आवेदन श्रम विभाग द्वारा मान्य किए गए हैं। मंत्री सावे ने कहा कि मिल श्रमिकों के लिए अधिक से अधिक घरों का निर्माण किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने कर्मयोगी एवीपी रियलिटी और चड्ढा डेवलपर्स और प्रमोटर्स को आशय पत्र सौंपा, जो मिल श्रमिकों के लिए प्रोजेक्ट प्रमोटरों के रूप में चयनित हुए हैं। 1982 की हड़ताल के बाद से अब तक मुंबई की 58 बंद और बीमार कपड़ा मिलों के श्रमिकों को म्हाडा के माध्यम से कुल 15,870 फ्लैट आवंटित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 2,874 फ्लैट जल्द ही आवंटित किए जाएंगे। हालांकि, अभी भी लगभग 1 लाख घरों की आवश्यकता है। आवास मंत्री ने बताया कि मिल श्रमिकों के लिए 15 लाख रुपये की लागत से घर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनमें से 5 लाख 50 हजार रुपये सरकार द्वारा दिए जाएंगे और शेष राशि श्रमिक या उनके उत्तराधिकारी को वहन करनी होगी। अगले तीन साल में यह घर उपलब्ध कराए जाएंगे। इन घरों में 300 वर्ग फुट का रहने योग्य स्थान, सामुदायिक हॉल, बगीचा, बच्चों के खेल का मैदान और वरिष्ठ नागरिकों के लिए पार्क की सुविधा होगी। इस अवसर पर आवास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वल्सा नायर सिंह भी उपस्थित थीं।