
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को खुलासा किया कि मणिपुर और नगालैंड से लूटे गए हथियार चुनावी राज्य बिहार में तस्करी किए गए। बिहार के वैशाली जिले में 2024 के हथियार तस्करी मामले में एक आरोपी के घर तलाशी के दौरान एनआईए ने 9 एमएम पिस्टल, 18 जिंदा कारतूस, दो पिस्टल मैगजीन, एक डबल बैरल 12 बोर बंदूक, 35 जिंदा कारतूस और 4.21 लाख रुपये नकद बरामद किए। संदीप कुमार सिन्हा उर्फ़ छोटू लाला की गिरफ्तारी से यह रैकेट उजागर हुआ, जो मुख्य आरोपी विकास कुमार का करीबी सहयोगी है और RC-11/2024/NIA/DLI केस से जुड़े हथियार तस्करी नेटवर्क का सक्रिय सदस्य माना जाता है। इस मामले की शुरुआत बिहार पुलिस द्वारा अगस्त 2024 में AK-47 राइफल और गोला-बारूद बरामद होने के बाद हुई थी, जिसे बाद में एनआईए ने संभाला। जांच में चार आरोपियों—विकास कुमार, सत्यम कुमार, देवमणि राय उर्फ़ अनीश और मोहम्मद अहमद अंसारी—को गिरफ्तार किया गया और उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया। हाल ही में अन्य आरोपी मंजूर खान को भी गिरफ्तार कर पटना के बेउर जेल में रखा गया। मई 2023 में मणिपुर में जातीय संघर्ष के दौरान राज्य के पुलिस बैरकों से लगभग 6,000 हथियार और 6 लाख राउंड गोला-बारूद लूटे गए थे, जिनमें मोर्टार, ग्रेनेड, बुलेटप्रूफ जैकेट और पुलिस वर्दी भी शामिल हैं। अधिकारीयों का कहना है कि इन हथियारों का बिहार में चुनावी अपराधों जैसे बूथ कैप्चरिंग और अन्य अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल किया जा सकता है। चुनाव आयोग ने संवेदनशील क्षेत्रों में मतदान के समय में संशोधन किया है। बिहार में लगभग 1,300 मतदान केंद्र संवेदनशील माने गए हैं, जिनमें अधिकांश दूसरे चरण के मतदान में शामिल होंगे।




