
मुंबई। महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे द्वारा राज्य के सभी मदरसों की जांच की मांग करने के बाद से राजनीतिक हलकों में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। राणे के इस बयान पर एनसीपी और एपी के नेताओं ने विरोध जताया है। अब एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने भी इस मुद्दे पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। वारिस पठान ने शुक्रवार को कहा, “नितेश राणे अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। वह हर दिन मुसलमानों के खिलाफ बेतुके बयान देते हैं और उनकी बातों को कोई गंभीरता से नहीं लेता।” उन्होंने आरोप लगाया कि नितेश राणे हमेशा दो समुदायों को आपस में लड़ाने का काम करते हैं। पठान ने यह भी कहा कि राणे को मुसलमानों के खिलाफ बयान देने का इनाम मिला है, और अब वह कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। पठान ने आगे कहा, मुसलमानों के खिलाफ झूठ बोलने और नफरत फैलाने के लिए सरकार ने उन्हें इनाम दिया है। अब वह मंत्री बन गए हैं, तो उन्हें ऐसे बयान नहीं देने चाहिए। नितेश राणे हमेशा समाज में ध्रुवीकरण की कोशिश क्यों करते हैं? महाराष्ट्र का माहौल क्यों बिगाड़ रहे हैं?
इससे पहले एनसीपी प्रवक्ता आनंद परांजपे ने भी राणे की मदरसों की जांच की मांग का विरोध करते हुए इसे गलत बताया था। परांजपे ने कहा था कि धर्म के आधार पर किसी भी समुदाय को निशाना बनाना गलत है। अगर कोई देश विरोधी गतिविधि हो रही है, तो पुलिस उस पर कार्रवाई कर सकती है, लेकिन धर्म के नाम पर सभी मदरसों की जांच करना पूरी तरह से गलत है। यह विवाद राणे के बयानों को लेकर लगातार बढ़ता जा रहा है, और अब उनका यह बयान सहयोगी दलों के द्वारा भी आलोचनाओं का शिकार हो रहा है।