
नई दिल्ली। दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से आयोजित ‘वोट चोर, गद्दी छोड़ो’ महारैली में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने केंद्र की मोदी सरकार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और चुनाव आयोग पर जोरदार हमला बोला। रैली को संबोधित करते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सीधे तौर पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विनीत जोशी का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि ये अधिकारी “वोट चोरी” में मोदी सरकार का साथ दे रहे हैं। राहुल गांधी ने मंच से कहा कि देश की जनता इन नामों को याद रखेगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि कांग्रेस सत्ता में आने पर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव करेगी। राहुल गांधी ने कहा-पीएम मोदी का कॉन्फिडेंस खत्म हो गया है। अमित शाह के हाथ कांपते हैं। वो जानते हैं कि उनकी चोरी पकड़ी गई है। उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर हमला करते हुए कहा कि संघ की विचारधारा देश को तोड़ने का काम करती है। राहुल गांधी ने मोहन भागवत के एक कथित बयान का हवाला देते हुए कहा, “हमारे धर्म और गांधीजी की सोच में सत्य सर्वोपरि है, लेकिन आरएसएस की विचारधारा सत्ता और ताकत को सत्य से ऊपर रखती है। हम सत्य के बल पर नरेंद्र मोदी, अमित शाह और आरएसएस की सरकार को सत्ता से हटाएंगे।
प्रियंका गांधी का आरोप—वोट चोरी के खिलाफ खड़ा होगा जनआंदोलन
रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि देश की जनता अब वोट चोरी के खिलाफ जाग चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने हरियाणा, बिहार समेत कई राज्यों में चुनाव वोट चोरी के जरिए जीते हैं। प्रियंका गांधी ने कहा कि संसद में बेरोजगारी, महंगाई, पेपर लीक जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा करने से सरकार डरती है। उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि यदि बैलेट पेपर से निष्पक्ष चुनाव हो जाएं, तो भाजपा कभी नहीं जीत पाएगी।
खड़गे का आरोप—एसआईआर भाजपा की साजिश
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) भाजपा की साजिश है, जिसका मकसद विपक्षी दलों के मतदाताओं के नाम काटना और अपने समर्थकों के नाम कई जगह जोड़ना है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश और जनता के लिए जो लड़ाई लड़ रहे हैं, उसे मजबूत करना हर कांग्रेस कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकतंत्र की शुरुआत में संघ ने गरीबों को वोट देने से रोका था, लेकिन बाबा साहेब आंबेडकर ने उन्हें यह अधिकार दिलाया। उन्होंने कहा कि गोलवलकर और आरएसएस की विचारधारा को हराने के लिए कांग्रेस एकजुट है। रैली में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, एनएसयूआई अध्यक्ष वरुण चौधरी सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने भी संबोधित किया।
देशभर से उमड़ा कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सैलाब
सुबह से ही रामलीला मैदान में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। हिमाचल, तेलंगाना, केरल, असम, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड समेत कई राज्यों से हजारों कार्यकर्ता रैली में शामिल हुए। ‘जय कांग्रेस’ और ‘लोकतंत्र बचाओ’ के नारों के बीच रैली ने आगामी चुनावी राजनीति को लेकर कांग्रेस के आक्रामक रुख का संकेत दिया।




