
नई दिल्ली। लंदन में रह रहे विवादास्पद शराब कारोबारी और किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मालिक विजय माल्या ने एक पॉडकास्ट में पहली बार सार्वजनिक रूप से अपनी एयरलाइंस की विफलता के लिए माफी मांगी है। सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर राज शमानी के पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान माल्या ने कहा, “मैं किंगफिशर एयरलाइंस की असफलता के लिए सभी से माफी मांगता हूं। उन्होंने वर्ष 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी को इस विफलता के प्रमुख कारणों में से एक बताया और दावा किया कि उस समय का प्रभाव केवल उनकी कंपनी पर नहीं, बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा था। माल्या ने अपने ऊपर लगे धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को सिरे से नकारते हुए खुद को “चोर” कहे जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “आप मुझे भगोड़ा कह सकते हैं, लेकिन चोर मत कहिए। मैं भागा नहीं हूं। मैं एक निर्धारित यात्रा पर भारत से ब्रिटेन आया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भारत में उन्हें निष्पक्ष सुनवाई और सम्मानजनक जीवन जीने का भरोसा दिया जाता है, तो वह भारत लौटने पर गंभीरता से विचार कर सकते हैं। माल्या ने सीबीआई और ईडी द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब भी दिया। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने उन पर ब्रांड वैल्यूएशन और प्राइवेट जेट के दुरुपयोग का आरोप लगाया, जबकि ईडी ने 3547 करोड़ रूपए की मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। माल्या के अनुसार, “किंगफिशर एयरलाइंस के लगभग 50 प्रतिशत खर्च विदेशी मुद्रा में होते थे, इसलिए उसे मनी लॉन्ड्रिंग कहना सरासर गलत है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने आईडीबीआई बैंक का 900 करोड़ रूपए का लोन चुका दिया है। हालांकि, भारत सरकार का कहना है कि माल्या पर बैंकों से लिए गए ₹9000 करोड़ से अधिक के कर्ज का भुगतान नहीं करने का आरोप है। भारत सरकार उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत देश वापस लाने का प्रयास कर रही है। इसी क्रम में वर्ष 2018 में ब्रिटेन की एक अदालत ने उनके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी, किंतु माल्या ने मीडिया ट्रायल और भारत में अनुचित व्यवहार की आशंका जताते हुए वापसी का विरोध किया। माल्या का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत में आर्थिक अपराधियों को लेकर कानून सख्त हो रहे हैं और न्यायिक व्यवस्था की पारदर्शिता को लेकर अंतरराष्ट्रीय बहस तेज़ हो रही है।