पुणे: महाराष्ट्र के भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता गिरीश बापट का लंबी बीमारी की वजह से निधन हो गया है.बुधवार को उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई, इसके बाद उन्हें पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पुणे भाजपा अध्यक्ष जगदीश मुलिक ने गिरीश बापट के निधन की जानकारी दी है. पुणे शहर और जिला ही नहीं बल्कि देश भर में अपने कामों का लोहा मनवाया था. उनके निधन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शोक जताया है.
पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. वे 72 साल के थे. आज शाम सात बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. उसके पहले उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके पुणे स्थित शनिवारवाड़ा निवास स्थान पर दोपहर 2 बजे से 6 बजे तक रखा जा रहा है.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सीएम शिंदे, फडणवीस, पवार ने जताया शोक
बापट के निधन पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दुख जाहिर किया है. राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि पुणे के लोकसभा सांसद गिरीश बापट के निधन से दुखी हूं. राजनाथ सिंह ने बापट को एक जमीनी नेता बताया , जिन्होंने अपनी जनता के भले के लिए काम किया.
अंतिम संस्कार में सीएम शिंदे, केंद्रीय मंत्री गडकरी और पवार होंगे शामिल
उनके निधन के बाद बीजेपी ने आज के पुणे के अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. सीएम एकनाथ शिंदे ने भी अपने सारे कार्यक्रम को टालते हुए पुणे रवाना हो गए हैं. गिरीश बापट के पुणे के वैकूंठ श्मशान घाट में होने वाले अंतिम संस्कार में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार शामिल होंगे.
बीमार होकर भी पुणे के विधानसभा उपचुनाव के लिए किया था प्रचार
बीमार होते हुए भी ऑक्सीजन की नली लगाकर हाल ही में उन्होंने अपनी पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार के लिए पुणे की कसबा सीट पर विधानसभा उपचुनाव में प्रचार किया था. यह उनकी अपनी पार्टी और समाज सेवा के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है. 3 सितंबर 1950 को पुणे में उनका जन्म हुआ था. सामाजिक कामों में उनकी सक्रियता 1973 से शुरू हो गई थी. तब वे टेल्को के कर्मचारी संगठन के नेता के तौर पर लोकप्रिय हो रहे थे. इसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा.
वे आजीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने रहे. जनसंघ के कार्यकर्ता रह कर वे इमरजेंसी का विरोध करते हुए जेल भी गए थे. गिरीश बापट ने 1983 से पुणे के महानगरपालिका चुनाव से राजनीति में प्रवेश किया. वे तीन बार कॉरपोरेटर रहे. इसके बाद 1995 से वे पांच बार पुणे के कसबा से विधायक रहे. फिलहाल वे बीजेपी के सांसद थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में वे कांग्रेस के मोहन जोशी को हराकर सांसद बने थे.