
मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को विपक्षी दलों ने विधान भवन की सीढ़ियों पर कद्दू लेकर अनोखे अंदाज़ में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। हाथों में कद्दू लिए विधायकों और विधान परिषद सदस्यों ने नारे लगाए—“किसानों की कर्ज़ माफ़ी – एक कद्दू”, “लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा – एक कद्दू”, “आदिवासियों के अधिकार – एक कद्दू”, और “छात्रों के लिए शिक्षा व मज़दूरों के लिए रोज़गार – एक कद्दू।” प्रदर्शनकारियों ने एक बड़ा बैनर भी दिखाया जिस पर लिखा था—“महाराष्ट्र की जनता को विधानमंडल के इस मानसून सत्र से क्या मिला? एक कद्दू।” यह प्रतीकात्मक विरोध सरकार पर यह आरोप लगाते हुए दर्ज किया गया कि उसने पूरे सत्र के दौरान आम लोगों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों—कृषि ऋण माफी, स्वास्थ्य सेवाएं, रोजगार, शिक्षा और आदिवासी अधिकारों—को नज़रअंदाज़ किया। प्रदर्शन में कांग्रेस के एमएलसी सतेज पाटिल, अभिजीत वंजारी और शिवसेना (यूबीटी) के विधायक सिद्धार्थ खरात व वरुण सरदेसाई शामिल थे। इन नेताओं ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता की आवाज को पूरी तरह दबाया जा रहा है और सत्र भर सरकार ने केवल खानापूर्ति की है। मानसून सत्र शुक्रवार को समाप्त हुआ, लेकिन विपक्ष ने जाते-जाते यह स्पष्ट संकेत दिया कि अब वह जनता की अनदेखी और सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ सड़क से सदन तक संघर्ष तेज करेगा।