
नागपुर। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव एवं महानिदेशक ब्रिजेश सिंह ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) ने पत्रकारों और मीडिया कर्मियों के लिए अधिक कुशल और सक्षम बनने के नए अवसर प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि एआई ने मातृभाषा में ज्ञान की सीमाओं को समाप्त करने में मदद की है और इसे अपनाना समय की आवश्यकता है। यह विचार नागपुर प्रेस क्लब और सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय के नागपुर कार्यालय द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन जर्नलिज्म’ के दौरान व्यक्त किए गए।
एआई के लाभ और सावधानियां
श्री सिंह ने जोर देकर कहा कि तकनीकी प्रगति को अपनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि एआई जैसी नई तकनीक के आगमन से नौकरियां कम होने की आशंका रहती है, लेकिन यह नए अवसरों का भी सृजन करती है। साथ ही, उन्होंने एआई से प्राप्त जानकारी की जांच-पड़ताल करने और नैतिकता एवं संवैधानिकता के दृष्टिकोण से इसकी समीक्षा करने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व राज्य सूचना आयुक्त राहुल पांडे ने कहा कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में एआई को विकसित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे पत्रकारिता और सूचना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सुधार हो सकता है। इस अवसर पर नागपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रदीप मैत्र, क्षेत्रीय संचालक डॉ. गणेश मुले, सूचना संचालक किशोर गांगुर्डे और दयानंद कांबळे उपस्थित थे। राज्य के विभिन्न जिला सूचना कार्यालयों और पत्रकारिता संस्थानों ने ऑनलाइन माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने यह भी चर्चा की कि किस प्रकार एआई का उपयोग पत्रकारिता में सटीकता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। यह तकनीक डेटा एनालिसिस, सामग्री निर्माण, और भाषाई बाधाओं को समाप्त करने जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला रही है। यह कार्यक्रम मीडिया कर्मियों के लिए एआई के व्यावहारिक उपयोग और संभावित लाभों को समझने का एक महत्वपूर्ण मंच बना।