
मुंबई। विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी (एमवीए) से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की मांग पर अड़े रहे शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अब अपनी मांग से यू-टर्न ले लिया है। रविवार को बांद्रा-पश्चिम, बैंड स्टैंड स्थित होटल ताज लैंड्स एंड में आयोजित महाविकास आघाड़ी की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने कहा कि एमवीए में मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई मतभेद नहीं है। हम सभी लोग भ्रष्ट और गुजरात के हितों के लिए काम करने वाली महायुति सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए एक साथ आए हैं। इसलिए पहले सत्तारूढ़ महायुति को अपना सीएम पद का चेहरा घोषित करने दें। उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाविकास आघाड़ी में मुख्यमंत्री पद के लिए योग्य कई चेहरे मौजूद हैं। बीते कुछ महीनों में एमवीए के भीतर मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की मांग खुद उद्धव ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) के सांसद व प्रवक्ता संजय राउत बार-बार उठा चुके हैं। हालांकि, रविवार को ठाकरे ने अपनी इस मांग से पीछे हटते हुए कहा कि हमारे लिए मुख्यमंत्री का पद अहम नहीं है, बल्कि हमारा पहला काम महाराष्ट्र को बचाना है। संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे के साथ एमवीए के प्रमुख घटक दलों कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता भी उपस्थित थे। पत्रकारों ने जब सीएम पद के चेहरे को लेकर सवाल पूछा, तो उद्धव ने जवाब में कहा कि पहले महायुति को उनके मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने दें, क्योंकि वे सत्ता में हैं। इसके बाद हम अगले दिन अपने उम्मीदवार की घोषणा कर देंगे। ठाकरे ने कहा, हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महाराष्ट्र इस समय खतरे में है। सत्तारूढ़ महायुति महाराष्ट्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के विचारों का गुलाम बनाने का प्रयास कर रही है। हम महाराष्ट्र को बचाना चाहते हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की परंपरा, जो कि फुले, शाहू, अंबेडकर के विचारों पर आधारित है, उसे कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम महाविकास अघाड़ी के रूप में एक हैं। हम एक मत से अपना निर्णय लेते हैं। ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी सर्वसम्मति से तय किया जाएगा। इस मौके पर एनसीपी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने भी उद्धव का समर्थन किया।