
पुणे। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए बिहार चुनाव से पहले 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10,000 रुपये ट्रांसफर किए जाने की आलोचना की है। ठाकरे ने कहा कि देश की महिलाएं “प्रधानमंत्री से बंधी वेतनभोगी मतदाता नहीं हैं, बल्कि स्वतंत्र नागरिक हैं जिन्हें अपनी इच्छा से वोट देने का अधिकार है। शनिवार को पुणे में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, “मैं यह नहीं कहता कि महिलाओं को आर्थिक मदद न दी जाए। बल्कि सरकार को पूरे देश की महिलाओं के खातों में पैसा जमा करना चाहिए। लेकिन एक बात स्पष्ट है, ये महिलाएं किसी की वेतनभोगी मतदाता नहीं हैं। वे स्वतंत्र हैं, और उन्हें किसी दबाव के बिना वोट देने का अधिकार है। ठाकरे ने आरोप लगाया कि बिहार में चुनाव की घोषणा से पहले ही प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 75 लाख महिलाओं को 10,000 रुपये देना “स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया गया कदम” है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “क्या बिहार की महिलाएं अब ज़्यादा प्यारी हो गईं? या सिर्फ़ इसलिए कि वहाँ चुनाव आने वाले हैं, पैसे दिए जा रहे हैं? क्या महाराष्ट्र की बहनें अब लाडली नहीं रहीं? शिवसेना प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र की महिलाएं भी आर्थिक कठिनाइयों से गुजर रही हैं, खासकर मराठवाड़ा क्षेत्र की महिलाएं, जिन्हें अभी भी वादे के अनुसार नियमित आर्थिक सहायता नहीं मिल रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री “माझी लड़की बहन योजना” का उल्लेख करते हुए कहा, “यह योजना चुनाव के दौरान शुरू की गई थी और महिलाओं के खातों में पैसा जमा किया जाता था। अब स्थिति यह है कि महीनों से कई महिलाओं को राशि नहीं मिली है। जैसे चुनावों के समय दो-तीन महीने की किश्तें एक साथ दी जाती थीं, वैसे ही अब छह महीने की किश्तें एक साथ जमा की जानी चाहिए। ठाकरे ने महिलाओं की राजनीतिक जागरूकता और उनके अधिकारों की रक्षा पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, पहले जब महिलाओं के खातों में पैसे जमा किए जाते थे, तो उन्हें फ़ोन पर बताया जाता था। उन्हें लगता था कि सरकार उनके लिए कुछ कर रही है, इसलिए उन्होंने विश्वास किया। लेकिन अब वही सरकार महिलाओं को धोखा दे रही है। गौरतलब है कि 26 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से “मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना” का शुभारंभ किया था, जिसके तहत बिहार की 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में सीधे 10,000 रुपये यानी कुल 7,500 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए थे।ठाकरे के इस बयान ने एक बार फिर महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और राजनीतिक उपयोग पर बहस छेड़ दी है, जिसमें उन्होंने यह संदेश दिया कि “महिलाएं किसी दल की वोट बैंक नहीं, बल्कि देश की आत्मा हैं।