
मुंबई। विधानसभा चुनाव में शर्मनाक हार के बाद, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एक बार फिर से हिंदुत्व के मुद्दे पर सक्रिय होते दिखाई दे रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने बांग्लादेश से लेकर मुंबई तक मंदिरों और हिंदू धर्म के पूजा स्थलों पर मंडरा रहे खतरे का मुद्दा उठाया। उद्धव ने दावा किया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, मंदिरों को जलाया जा रहा है, और मुंबई और उसके आसपास भी हिंदू और उनके पूजा स्थल सुरक्षित नहीं हैं। इस संदर्भ में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा। अपने निवास स्थान मातोश्री पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है, और इस्कॉन जैसे मंदिरों में आगजनी और तोड़फोड़ की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि भारत सरकार वहां के हिंदुओं की रक्षा के लिए क्या कर रही है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन-रूस युद्ध को रोकने के लिए फोन करते हैं।इसके अलावा, उद्धव ठाकरे ने मुंबई के दादर पूर्व में रेलवे स्टेशन परिसर में बने 8 दशक पुराने हनुमान मंदिर को हटाने के लिए मध्य रेलवे द्वारा दी गई नोटिस का मुद्दा उठाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नई मुंबई में एक मंदिर पर सिडको की नजर है और सवाल किया कि सिडको इस मंदिर की जमीन को आखिरकार किसे देना चाहती है।
महायुति का प्रतिवाद
उद्धव ठाकरे के बांग्लादेश और मंदिरों के मुद्दे पर बयान देने और मोदी सरकार पर हमला करने के बाद, सत्तारूढ़ महायुति के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनका आरोप है कि उद्धव ठाकरे लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के परिणामों तक हिंदुत्व से दूर हो गए थे और अब हार के बाद उन्हें हिंदुत्व की याद आ रही है।