
मुंबई। पगड़ी एकता संघ ने मंगलवार दोपहर 12 बजे आज़ाद मैदान में पगड़ी किरायेदारों के अधिकारों के लिए एक विशाल महाआंदोलन आयोजित किया है। पिछले 40 वर्षों से पगड़ी किरायेदार अमानवीय परिस्थितियों में जीवन बिताने को मजबूर हैं- जर्जर और असुरक्षित इमारतें, रोज़ ढहने का खतरा, और प्रशासनिक उदासीनता। लगभग 20 लाख पगड़ी किरायेदारों के लिए आज तक कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई है, जिससे नागरिकों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। यही कारण है कि यह ऐतिहासिक जनआंदोलन खड़ा हुआ है। यह महाआंदोलन विभिन्न सामाजिक संगठनों और एनजीओ के व्यापक सहयोग से आयोजित हो रहा है। इसमें LTOWA, माय माटी सेवा फाउंडेशन, म्हाड़ा संघर्ष कृती समिति, मुंबई रेल परिवासी संघ, निवारा अभियान समेत कई प्रमुख संस्थाएँ शामिल हैं। बोरीवली से लेकर चर्चगेट तक की पगड़ी इमारतों के निवासी बड़ी संख्या में इस प्रदर्शन में सहभागी हो रहे हैं। आंदोलन का मुख्य उद्देश्य असुरक्षित इमारतों की स्थिति, लंबित पुनर्विकास प्रक्रियाएँ, और दशकों से चले आ रहे अन्याय पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना है। पगड़ी एकता संघ की ओर से सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक संगठनों और एनजीओ प्रतिनिधियों को भी इस संघर्ष का हिस्सा बनने का आग्रह किया गया है। मुकेश शाह पेंडसे ने पगड़ी किरायेदारों के इस ऐतिहासिक आंदोलन को सफल बनाने के लिए मंगलवार, 18 नवंबर को आज़ाद मैदान में सभी नागरिकों से उपस्थित रहने का आवाहन किया है।




