पालघर। नालासोपारा में पश्चिमी रेलवे के एक टिकट कलेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि उसने एक मराठी जोड़े को हिंदी में बात करने के लिए मजबूर किया और उन्हें रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कार्यालय में हिरासत में लिया। मराठी एकीकरण समिति ने इस घटना को मराठी भाषा का अपमान बताते हुए स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया। मामले की जानकारी मिलने पर पश्चिमी रेलवे के प्रवक्ता ने कहा कि संबंधित टीटीई, राकेश मौर्य, को ड्यूटी से हटा दिया गया है, और घटना की जांच जारी है। वसई जीआरपी ने इस संबंध में एफआईआर भी दर्ज की है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, टीटीई ने जोड़े से कहा कि “यदि आप भारतीय हैं, तो आपको हिंदी आनी चाहिए। उसने उन्हें एक कागज पर लिखने के लिए मजबूर किया कि वे “कभी भी मराठी में बात करने की मांग नहीं करेंगे। इस दौरान पत्नी ने घटना को अपने फोन में रिकॉर्ड कर लिया था, परन्तु बाद में उन्हें वह वीडियो डिलीट करने पर मजबूर किया गया। इस घटना ने स्थानीय मराठी समुदाय में गुस्सा पैदा कर दिया है। मराठी एकीकरण समिति के सदस्यों ने इसे मराठी भाषा का अपमान करार देते हुए रेलवे मास्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। समिति के मुताबिक, दंपत्ति को लम्बे समय तक दफ़्तर में बैठाए रखा गया और बाद में आरपीएफ ने उन्हें गिरफ़्तार भी किया। पश्चिमी रेलवे ने बयान जारी करते हुए कहा कि “हम सभी भाषाओं और क्षेत्रों के यात्रियों का समान सम्मान करते हैं, और हमारा उद्देश्य सभी को सर्वोत्तम सेवा प्रदान करना है। मामले की जांच की जाएगी और यदि टीटीई दोषी पाया जाता है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने महाराष्ट्र में भाषा और संस्कृति के सम्मान को लेकर बहस छेड़ दी है। मराठी एकीकरण समिति ने कहा कि वह मराठी भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए ऐसे मामलों में कड़ा रुख अपनाएगी।