
बुलढाणा। महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के देउलगांव राजा तालुका के शिवानी अरमाल गांव में गुरुवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई, जब राज्य सरकार के युवा पुरस्कार से सम्मानित प्रगतिशील किसान कैलाश अर्जुन नागरे ने जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। स्थानीय लोगों ने इस घटना के लिए खड़कपूर्णा बांध से पानी की कमी को जिम्मेदार ठहराते हुए सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है।
जल संकट से उपजा दर्द
कैलाश नागरे, जो लंबे समय से इलाके के किसानों के लिए खड़कपूर्णा जलाशय से स्थायी जल आपूर्ति की मांग कर रहे थे, पानी की कमी से बेहद परेशान थे। पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे ने बताया कि नागरे के शव के पास से तीन पन्नों का सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने पानी के संकट और किसानों की परेशानियों का जिक्र किया है।
किसानों का आक्रोश और विरोध प्रदर्शन
नागरे की मृत्यु से स्थानीय किसानों में गहरा आक्रोश है। उन्होंने पुलिस को उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने से मना कर दिया है। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि अभिभावक मंत्री या जिला कलेक्टर मौके पर आएं और जल संकट के समाधान के लिए ठोस आश्वासन दें।
स्थिति तनावपूर्ण, भारी पुलिस बल तैनात
नागरे की मौत की खबर फैलते ही हजारों किसान मौके पर इकट्ठा हो गए। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। नागरे की आत्महत्या ने न केवल इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है, बल्कि सरकार की जल प्रबंधन नीतियों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। किसान अब न्याय की मांग कर रहे हैं और जल संकट के स्थायी समाधान की गुहार लगा रहे हैं।