
पणजी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री रवी नाईक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि संत तुकाराम महाराज के अभंग ‘जे का रंजले, गांजले त्यासी म्हणे जो आपुले…’ की भावना को साकार करते हुए रवी नाईक ने समाज के वंचित, दबे-कुचले और आवाजहीन वर्ग के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए और कुल-मुंडकारों के हक में एक स्थायी विरासत बनाई। पूर्व मुख्यमंत्री रवी नाईक का 14 अक्टूबर की रात निधन हो गया था। उनके स्मरणार्थ गोवा सरकार की ओर से आज कला अकादमी में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे, विद्युत मंत्री सुदिन धवलीकर समेत कई मंत्री और विधायक उपस्थित थे। फडणवीस ने रवी नाईक के व्यक्तित्व की दो प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “गृहमंत्री के रूप में उनकी दृढ़ता और कृषि मंत्री के रूप में उनकी संवेदनशीलता जनता के मन में सदैव स्मरणीय रहेंगी। रवी नाईक एक उत्कृष्ट वॉलीबॉल खिलाड़ी थे और उन्होंने खेल भावना राजनीति में भी बनाए रखी। उन्होंने जीवन में कई बार जीत और हार देखी, लेकिन कभी अपनी खिलाड़ूपन की भावना नहीं छोड़ी। वे समाज के दबे-पिछड़े और वंचित वर्ग की आवाज बने।”
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने रवी नाईक को बहुजन समाज का संरक्षक बताया। उन्होंने कहा, “उन्होंने सभी समाजों को एकजुट करने का प्रयास किया और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने। विभिन्न विभागों का कार्यभार संभालते हुए उन्होंने हमेशा आम जनता के हित को प्राथमिकता दी। उनके किए गए विकास कार्य हमेशा लोगों की स्मृतियों में रहेंगे।”
कुंडई स्थित तपोभूमि के श्री ब्रह्मेशानंद महाराज ने रवी नाईक के योगदान को याद किया। उद्योगपति अवधूत तिंबलो ने उनके व्यक्तित्व और नेतृत्व के गुणों को याद किया। विद्युत मंत्री सुदिन धवलीकर ने कहा कि भाऊसाहेब बांदोडकर और शशिकला काकोडकर जैसी श्रेणी में रवी नाईक का नाम सम्मानपूर्वक लिया जाएगा। अधिवक्ता रमाकांत खलप ने कहा कि भाऊसाहेब बांदोडकर के बाद रवी नाईक ही सच्चे अर्थों में बहुजन समाज के नेता थे। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्रीपाद नाईक, सांसद सदानंद तानवडे, सभापति गणेश गावकर, स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे, दामू नाईक और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे और रवी नाईक को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।