
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक कार्य संचालनालय द्वारा राज्य की लोककला, लोकपरंपरा और लोकसंस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से वसई में तीन दिवसीय बोहाडा आदिवासी गीत और नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह महोत्सव 9 से 11 मार्च 2025 तक श्री अनंतराव ठाकुर नाट्यगृह, देशपांडे वाडा, पारनाका, वसई (पश्चिम) में प्रतिदिन शाम 6:30 बजे आयोजित होगा। सांस्कृतिक कार्य मंत्री एड. आशीष शेलार और अपर मुख्य सचिव विकास खारगे के मार्गदर्शन में आयोजित इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को महाराष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराना और कोकण क्षेत्र की प्रसिद्ध कोली गीत एवं नृत्य परंपरा को बढ़ावा देना है। महोत्सव में विभिन्न आदिवासी समूह अपनी पारंपरिक लोककलाओं की प्रस्तुति देंगे। 9 मार्च को आई जगदंबा ग्रुप (ढोल नाच), हिरवा देव मोरघा ग्रुप (वनवासी नृत्य) और गावदेवी तारपा नृत्य ग्रुप (घोडीचापाडा) अपनी प्रस्तुतियां देंगे। 10 मार्च को आदिवासी बोहाडा नंदी नृत्य (घोसाळी), आदिवासी जगदंबा माता बोहाडा (घिवंडा) और आदिवासी कंणसरी तारपा नृत्य (खंड, नालीपाडा) का प्रदर्शन होगा। 11 मार्च को समापन समारोह में जय आदिवासी तूर नाच (डोलारी बुद्रुक), हिरवा देव ढोलनाच (वांगणपाडा) और आदिवासी तारपा नृत्य (मोडध्याचापाडा) प्रस्तुत किए जाएंगे। महोत्सव में भाग लेने वाले सभी कलाकार आदिवासी समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को प्रस्तुत करेंगे। यह आयोजन कला प्रेमियों के लिए नि:शुल्क होगा। सांस्कृतिक कार्य निदेशक विभीषण चवरे ने दर्शकों से इस अनूठे सांस्कृतिक संगम में शामिल होकर महाराष्ट्र की पारंपरिक संगीत और नृत्य विरासत का आनंद लेने की अपील की है।