
मुंबई। साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाते हुए कांदिवली पुलिस ने झारखंड के कुख्यात जामताड़ा गैंग पर एक अहम कार्रवाई की है। पुलिस ने जामताड़ा से आए तीन साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया है, जो छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में दर्ज साइबर ठगी के एक मामले में वांछित थे। आरोपी मुंबई में धोखाधड़ी से प्राप्त धन को एटीएम के जरिए निकालने के प्रयास में थे। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहम्मद इमरान अंसारी (36), अलीउद्दीन सरफुद्दीन अंसारी (34) और राजकुमार मधुबन प्रसाद (33) के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके पास से 56 एटीएम कार्ड, आठ मोबाइल फोन और 90,000 रुपए नकद जब्त किए हैं। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रवि अदाने ने गिरफ्तारी की पुष्टि की और बताया कि आरोपियों ने कई लोगों को ऑनलाइन धोखा देने की बात कबूल की है। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी ठगी के पैसों को सीधे अपने खातों में ट्रांसफर नहीं करते थे, बल्कि तीसरे पक्ष के खातों का उपयोग करते थे, जिन्हें नकली दस्तावेज़ों या कमीशन के लालच में खोलवाया जाता था। अक्सर इन खातों के लिए आधार कार्ड की जानकारी का दुरुपयोग किया जाता है, कभी-कभी असली खाताधारक को इसकी भनक तक नहीं होती। जैसे ही पैसे इन खातों में आते, आरोपी तुरंत नकदी निकाल लेते, ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां उनका पता न लगा सकें। पुलिस को संदेह है कि इन आरोपियों से पूछताछ में देशभर में फैले साइबर ठगी नेटवर्क के कई खुलासे हो सकते हैं। इस गिरफ्तारी से साफ है कि जामताड़ा का नेटवर्क सिर्फ झारखंड तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार मुंबई जैसे महानगरों में भी फैले हुए हैं। कांदिवली साइबर सेल की इस कार्रवाई को साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।