
मुंबई। साइबर जबरन वसूली का एक अजीबोगरीब मामला घाटकोपर इलाके से सामने आया है, जहां 51 वर्षीय एक व्यवसायी को व्हाट्सएप के माध्यम से दो पाकिस्तानी मोबाइल नंबरों से धमकी दी गई और महज़ 970 रुपए की मांग की गई। जबरन वसूली करने वालों ने पीड़ित की मॉर्फ्ड (संपादित) अशोभनीय तस्वीरें भेजीं और कहा कि अगर उसने भुगतान नहीं किया, तो वे ये तस्वीरें उसके परिचितों को भेज देंगे। पुलिस के अनुसार, कल्याण स्थित बाबुसा इंडस्ट्रियल पार्क, नासिक हाईवे पर एक फर्नीचर फैक्ट्री चलाने वाले पीड़ित को 21 जून की सुबह 8:45 बजे एक अज्ञात पाकिस्तानी नंबर से “हाय” लिखकर पहला संदेश मिला, जिसे उन्होंने अनदेखा कर दिया। इसके बाद 26 जून को फिर एक अन्य पाकिस्तानी नंबर से ऐसा ही संदेश आया। अगले दिन उन्हें एक क्यूआर कोड के साथ उनकी मॉर्फ्ड तस्वीर भेजी गई और 970 रुपए की मांग की गई। व्यवसायी ने प्रतिवाद करते हुए लिखा, “मुझे परेशान मत करो।” इसके जवाब में भेजने वाले ने लिखा, “भुगतान करें या न करें, बस मुझे बता दें,” और फिर उसके मोबाइल संपर्कों की सूची भेज दी, जिनमें उसके पिता, भाई और मित्र शामिल थे। धमकी दी गई कि यदि पैसे नहीं दिए गए तो वह इन सभी को मॉर्फ्ड फोटो भेज देगा। व्यवसायी के इनकार के कुछ ही समय बाद, उसके एक मित्र को वास्तव में वह तस्वीर भेज दी गई, जिससे उसकी चिंताएं और बढ़ गईं। इसके बाद पीड़ित ने घाटकोपर स्थित पंतनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत दर्ज कर लिया है और अज्ञात आरोपियों की तलाश में जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला अंतरराष्ट्रीय साइबर जबरन वसूली नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है, जो मामूली रकम वसूलने के लिए भी लोगों को मानसिक रूप से डराने की रणनीति अपनाते हैं। ऐसे मामलों में नागरिकों को सतर्क रहने और अनजान नंबरों से आए किसी भी लिंक, मैसेज या मीडिया फाइल पर प्रतिक्रिया देने से बचने की सलाह दी गई है।