
मुंबई। शिक्षक ही विद्यार्थियों के जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं और राष्ट्र निर्माण की असली नींव रखते हैं। इसलिए शिक्षकों का सम्मान वास्तव में राष्ट्र निर्माण का सम्मान है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि शिक्षकों को केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित शिक्षा नहीं देनी चाहिए, बल्कि विद्यार्थियों को कौशल-आधारित शिक्षा, समस्या-समाधान की क्षमता, टीमवर्क, मूल्य-आधारित शिक्षा और सद्गुणों का भी पाठ पढ़ाना चाहिए। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में विद्यार्थियों में आत्मविश्वास जगाकर सशक्त पीढ़ी का निर्माण करना ही शिक्षकों का सबसे बड़ा दायित्व है। उन्होंने कहा कि राज्य के पुरस्कार विजेता शिक्षक वास्तव में महाराष्ट्र के ब्रांड एंबेसडर हैं। उपमुख्यमंत्री पवार सोमवार को मुंबई के एनसीपीए टाटा थिएटर में आयोजित क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले राज्य शिक्षक पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर राज्य के 111 मेधावी शिक्षकों को सम्मानित किया गया। समारोह में विधानसभा अध्यक्ष एडवोकेट राहुल नार्वेकर, स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे, राज्य मंत्री डॉ. पंकज भोयर, विधायक जे.एम. अभ्यंकर, ज्ञानेश्वर म्हात्रे, मनीषा कायंदे, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव रणजीत सिंह देओल, शिक्षा आयुक्त सचिंद्र प्रताप सिंह सहित पुरस्कार विजेता शिक्षक और उनके परिवारजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।