Wednesday, November 12, 2025
Google search engine
HomeMaharashtraशिवसेना और एनसीपी के चुनाव चिन्ह विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई...

शिवसेना और एनसीपी के चुनाव चिन्ह विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई 21 जनवरी से शुरू होगी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को घोषणा की कि वह 21 जनवरी, 2026 से शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच “धनुष-बाण” चुनाव चिन्ह के आवंटन विवाद और महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं को खारिज करने के फैसले पर अंतिम सुनवाई शुरू करेगा। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जयमाल्या बागची की पीठ ने स्पष्ट किया कि अदालत पहले शिवसेना विवाद की सुनवाई करेगी और उसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से जुड़े विवाद पर विचार करेगी। ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग के फरवरी 2023 के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें 2022 के राजनीतिक संकट के बाद विभाजित हुई शिवसेना में पार्टी का नाम और “धनुष-बाण” चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट को सौंपा गया था। ठाकरे गुट का कहना है कि यह फैसला अनुचित है और इससे असली शिवसेना की पहचान और वैधता पर प्रश्न उठे हैं। साथ ही, ठाकरे गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा शिंदे और उनके गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं को खारिज किए जाने के निर्णय का भी विरोध किया है। इसके अतिरिक्त, सर्वोच्च न्यायालय एनसीपी के दो गुटों- शरद पवार और अजित पवार के बीच प्रतीक विवाद पर भी सुनवाई करेगा। शरद पवार गुट ने फरवरी 2024 के चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को ‘असली एनसीपी’ मानते हुए आधिकारिक “घड़ी” चिन्ह आवंटित किया गया था। आयोग ने यह फैसला विधायी बहुमत के आधार पर दिया था। विवाद बढ़ने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार गुट को आगामी चुनावों के लिए “राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार” नाम और “तुरही फूंकता हुआ आदमी” चिन्ह अस्थायी रूप से उपयोग करने की अनुमति दी थी। अदालत अब दोनों दलों- शिवसेना और एनसीपी से जुड़े इन राजनीतिक और संवैधानिक विवादों पर संयुक्त रूप से विस्तृत सुनवाई करेगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments