
मुंबई। महाराष्ट्र में भारी बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी के कारण कई जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे हालात गंभीर बने हुए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग और राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र से प्राप्त वर्षा अनुमानों के आधार पर नदियों की स्थिति, बांधों से पानी छोड़े जाने और बाढ़ के हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। सोलापुर, परभणी, नांदेड़ और गढ़चिरौली जिलों में राहत और बचाव कार्यों के लिए टीमें पहले से ही तैनात कर दी गई हैं। सोलापुर जिले के वडकबल में सीना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि उजानी और वीर बांधों से अत्यधिक जल-स्राव के कारण पंढरपुर में भीमा नदी टाकली में चेतावनी स्तर पार कर चुकी है। परभणी जिले के ढालेगांव में गोदावरी नदी का जलस्तर खतरे के स्तर से ऊपर पहुंच गया है, जिस पर सेना की टीम तैनात की गई है। नांदेड़ जिले में नांदेड़ जूना पुल पर गोदावरी नदी चेतावनी स्तर पार कर चुकी है, जहां राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और स्थानीय बचाव दल सक्रिय हैं। गढ़चिरौली जिले के भामरागढ़ और सिरोचा तालुका में SDRF की टीमों को तैनात किया गया है, क्योंकि तेलंगाना राज्य में बारिश के चलते लक्ष्मी बैराज (मेदिगड्डा) पर गोदावरी नदी चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने जल संसाधन विभाग और गोदावरी सिंचाई विकास निगम के साथ समन्वय कर छत्रपति संभाजीनगर, अहिल्यानगर, जालना, बीड और परभणी जिलों में बांधों से छोड़े गए पानी और नदियों के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी है और स्थानीय व हवाई सहायता के साथ बचाव दलों को पूर्व-तैनात किया है। पिछले 24 घंटों में पालघर जिले में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि मुंबई में 21 मिमी, रत्नागिरी में 17 मिमी, सिंधुदुर्ग में 16 मिमी और रायगढ़ जिले में 12 मिमी बारिश हुई। इस दौरान नासिक, छत्रपति संभाजीनगर, लातूर और पालघर जिलों में बाढ़ और दीवार गिरने की घटनाओं में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है और नासिक व पालघर जिलों में एक-एक व्यक्ति घायल भी हुआ है। वहीं धुले में दो, नांदेड़ में सात, छत्रपति संभाजीनगर में छह और लातूर जिले में चार जानवरों की मौत बिजली गिरने और बाढ़ के कारण हुई है। इसके साथ ही सतारा जिले के कोयनानगर क्षेत्र में 30 सितंबर 2025 को दोपहर 12:09 बजे 3.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसकी पुष्टि राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र ने की है।




