25 हजार रिश्वत लेते सहायक आयुक्त दीपक मालपुरे एसीबी की गिरफ्त में
ठाणे। महाराष्ट्र राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) में भ्रष्टाचार का सिलसिला जारी है। ताजा मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने एफडीए के सहायक आयुक्त डॉ. दीपक राजाराम मालपुरे को 25,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी वागले एस्टेट, ठाणे स्थित एफडीए कार्यालय में हुई।डॉ. दीपक मालपुरे पर आरोप है कि उन्होंने शिकायतकर्ता से उसके मेडिकल स्टोर लाइसेंस के अनुमोदन के लिए 30,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। बाद में यह राशि 25,000 रुपये पर तय हुई। एसीबी की सत्यापन प्रक्रिया के बाद, 28 अगस्त 2024 को डॉ. मालपुरे ने रिश्वत की रकम स्वीकार की, जिसके तुरंत बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गौरतलब है कि पिछले दो महीनों में एफडीए के किसी अधिकारी की यह चौथी गिरफ्तारी है। इससे पहले, कोकण मंडल की औषध निरीक्षक आरती कांबली और संदीप नरवने को भी एसीबी ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इसके अलावा, 20 अगस्त 2024 को पुणे मंडल के खाद्य सुरक्षा अधिकारी विकास रोहिदास सोनवणे को 45,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए एसीबी ने गिरफ्तार किया था। मामले की गंभीरता तब और बढ़ जाती है जब यह पता चलता है कि एफडीए मंत्री धर्मराव बाबा अत्राम को इन भ्रष्टाचार के मामलों की जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। एफडीए में अधिकारियों और कर्मचारियों की भारी कमी पहले से ही विभागीय कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है, और अब रिश्वतखोरी के मामलों से विभाग की साख और कमजोर हो रही है। एफडीए अधिकारियों का आरोप है कि मंत्री के कार्यालय से उन पर विभिन्न कार्यों को लेकर दबाव बनाया जा रहा है, जिससे उनके कार्य में हस्तक्षेप हो रहा है और विभागीय भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। इसके अलावा, एफडीए में एक पूर्णकालिक आयुक्त की नियुक्ति न होने से भी विभाग की कार्यकुशलता प्रभावित हो रही है।