
सुभाष आनंद
हुसैनी वाला के पार से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों को अब करो या मरो की नीति अपनाने के आदेश पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई ने दिए हैं। इसी बीच आतंकवादी रिंदा की रिहायश ननकाना साहिब से बदल कर डिफेंस कॉलोनी लाहौर में शिफ्ट करते हुए वहां उसे आधुनिक संचार संसाधनों से भी लैस किया गया है। उल्लेखनीय है कि डिफेंस कॉलोनी में 60 कोठियां हैं जहां पाकिस्तानी रेंजरो को तैनात किया हुआ है। यहां इतनी कड़ी सुरक्षा है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता। वहीं डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले सेवानिवृत हबीब बैंक के बड़े अधिकारी मोहम्मद मुनीर अहमद ने बताया कि पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसियों के बड़े अधिकारी यहां दिन रात पहरा देते हैं, किसी आम नागरिक का प्रवेश यहां नहीं हो सकता। डिफेंस कॉलोनी की कोठी नंबर 19 और 20 दोनों रिंदा को अलाट की गई है, यहां पर जहां पाकिस्तानी रेंजर तैनात है वहीं पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई के 15-20 लोग भी हर समय मौजूद रहते हैं। वहां डर का वातावरण बना रहता है।
पाकिस्तान में रिंदा को कॉलोनी से बाहर निकलने पर पूर्ण पाबंदी लगाई हुई है, यहां तक कि पिछले कुछ दिनों से धार्मिक समारोह में भाग लेने पर भी पूर्ण पाबंदी लगा दी गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जहां रिंदा को कड़ी सुरक्षा मिली है वहीं कुछ ऐसे आतंकवादी संगठनों को पाकिस्तान छोड़ने के आदेश दिए गए हैं जो पूर्ण रूप से सक्रिय नहीं है। इनमें से कुछ के नेताओं ने स्पेन में शरण लेने का प्रयास किया है, लेकिन उन्हें स्पेन में बसने में मुसीबत आ रही है। सूत्रों से पता चला है कि अब पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी पंजाब के वातावरण को खराब करने के लिए विदेशों में बैठे गैंगस्टरों से संपर्क साध रही है। पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई पंजाब में स्थानीय गैंगस्टरों को हमले का जिम्मा सौंप रही है। इसी कारण पंजाब के सभी जिलों की खुफिया एजेंसियों को सचेत कर दिया गया है। उन्हें भी सूचना मिल चुकी है कि पंजाब के कुछ बड़े नेताओं की हत्या के लिए पंजाब के ही बड़े गैंगस्टरों को मोटी सुपारी सौंपी गई है। अभी-अभी पंजाब में पकड़े गए गैंगस्टर ने जो रहस्य उजागर किए हैं उससे लगता है कि पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी पंजाब का वातावरण दूषित करने में लगी हुई है। सूत्रों से पता चला है कि पंजाब के जो गैंगस्टर पंजाब में आतंकवाद को जीवित रखने के लिए स्थानीय स्लीपर सैल के रुप में आईएसआई की रीढ़ की हड्डी हुआ करते थे,वह अब पंजाब में पूरी तरह समाप्त हो चुके हैं। अब वे आतंकवाद के साथ पुनः जुड़ने के लिए तैयार नहीं हैं संभवतः उन्हें डर लगता है कि कहीं वे भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों मारे ना जाए ,लेकिन आज भी स्थानीय छोटे-मोटे अपराधी तत्व पाकिस्तानी गुर्गों से मिल जाते हैं क्योंकि उन्हें पैसे चाहिए। संभावना है कि ये छोटे मोटे गुर्गे विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल कर सकते हैं और पंजाब में हैंड ग्रेनेड फेंकने की घटना कर सकते हैं। सूचना यह भी है कि पाकिस्तान की सेना आतंकवादियों को फौजी ट्रेनिंग देने के लिए स्पेशल कैंप लगा रही है, उन्हें आधुनिक शास्त्रों की ट्रेनिंग देकर उसे हाईटेक बना रही है। पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई इस समय पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में काफी सक्रिय है, वह गांव के युवाओं को मोटे पैसों का लालच देकर ड्रग तस्करी में फंसा रही है। पाकिस्तान से ड्रोनों द्वारा छोटे हथियार और बारूद फेंका जा रहा है जिसका गैंगस्टर उपयोग करते हैं। सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बलों का कहना है कि अब सीमा पार से बड़े हथियारों की तस्करी करना बहुत ही मुश्किल काम है। इसीलिए अब पाकिस्तान से ड्रोनों द्वारा विदेशी हथियार भी भेजे जाते हैं। पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों को अब करो और मरो की नीति अपनाने को कहा गया है ,आगे आने वाले महीनों में त्यौहार आने वाले हैं, अत: पंजाब में बड़ी कार्रवाई के लिए उन्हें आदेश दिए गए हैं। कई बड़े हिंदू और सिख नेताओं की हत्या के आदेश दिए जा चुके है।धार्मिक स्थानों पर बड़े विस्फोट का काम उन्हें सौंपा जा चुका है। उधर, पाकिस्तान को आशंका है कि भारतीय गुप्तचर एजेंसी भी पाकिस्तानी एजेंट रिंदा का पत्ता साफ करने के प्रयास में है इसलिए रिंदा का हेड क्वार्टर ननकाना साहिब से शिफ्ट करके लाहौर की डिफेंस कॉलोनी में बनाया गया है । सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान में बैठे अनेक आतंकवादी अपने आप को सुरक्षित नहीं मानते ,उन्हें भय बना हुआ है कि किसी भी समय कुछ लोग उन पर कातिलाना हमला कर सकते हैं, इसलिए पाकिस्तान में उन्हें बड़ी सुरक्षा दे रखी है।