Saturday, November 22, 2025
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72 घंटे में खुला 1.82 करोड़ रुपए के फर्जी लूटकांड का राज

सेंट्रल रेलवे के भुसावल मंडल की आरपीएफ ने दिखाई शानदार जांच क्षमता, चार आरोपी गिरफ्तार

मुंबई। सेंट्रल रेलवे के भुसावल मंडल की रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने महज 72 घंटे में ₹1.82 करोड़ मूल्य के सोने के आभूषणों से जुड़े फर्जी लूटकांड का पर्दाफाश कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जांच में खुलासा हुआ कि कथित लूट की कहानी स्वयं शिकायतकर्ता ने अपने साथियों के साथ मिलकर गढ़ी थी। घटना 30 सितंबर को ट्रेन संख्या 12187 जबलपुर–सीएसएमटी गरीब रथ एक्सप्रेस में दर्ज कराई गई थी। सागर पारेख नामक व्यक्ति ने सीएसएमटी रेलवे पुलिस (जीआरपी) थाने में शिकायत दी कि उससे 52 सोने की चूड़ियां और 35 सोने की अंगूठियां, कुल 1.5 किलो सोना जिसकी कीमत ₹1.82 करोड़ है, लूट लिया गया। जांच में पता चला कि यह घटना जीआरपी पोस्ट खंडवा क्षेत्राधिकार में आती है, जिसके बाद मामला वहां स्थानांतरित कर भुसावल मंडल की आरपीएफ को जांच सौंपी गई। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में गठित संयुक्त टीम ने सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर), डिजिटल ट्रैकिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया। तकनीकी जांच में सामने आया कि पूरी लूट की कहानी फर्जी थी। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने खुद को घायल कर घटना को असली दिखाने की कोशिश की थी और लूटे गए आभूषणों को कल्याण स्टेशन पर अपने साथी प्रवीण को सौंपा था। आरपीएफ टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रवीण को 4 अक्टूबर को खंडवा बुलाया, जहां उसने पूरे सोने के आभूषणों के साथ हाजिरी दी। बरामद माल में 52 चूड़ियां और 35 अंगूठियां, कुल 1.6 किलो सोना, मूल्य 1.82 करोड़ रुपए शामिल था। गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं- सागर पारेख (40) निवासी नाशिक, महाराष्ट्र। साझेदार, आर.बी.ज्वेलर्स एंड गोल्ड एलएलपी, जवेरी बाजार, मुंबई। संजय कुमार (27) निवासी पाली, राजस्थान। प्रवीण कुमार (35) निवासी सिरोही, राजस्थान, निवासी दिवा (पूर्व), ठाणे।राकेश जैन (53) निवासी मालाबार हिल, मुंबई।
चारों को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 3(5) और 309(6) के तहत गिरफ्तार किया गया है। जांच इंस्पेक्टर प्रकाश चंद्र सेन, आरपीएफ भुसावल मंडल के नेतृत्व में जारी है। आरपीएफ भुसावल और खंडवा टीमों ने तेज कार्रवाई, तकनीकी दक्षता और शानदार टीमवर्क के बल पर न केवल फर्जी लूटकांड का पर्दाफाश किया बल्कि पूरा माल भी बरामद किया। यह उपलब्धि आरपीएफ की ईमानदारी, दक्षता और जांच कौशल का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह जानकारी मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. स्वप्निल निला ने 5 अक्टूबर 2025 को दी।

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