
बदायूं, उत्तर प्रदेश। जिले के दातागंज कोतवाली क्षेत्र के गांव बेहटा माधव में शनिवार सुबह एक अधिवक्ता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान 40 वर्षीय दुर्विजय सिंह पुत्र चेतराम के रूप में हुई है। अधिवक्ता का शव घर के कमरे में फंदे से लटका मिला, जिसे देखकर परिवार में चीख-पुकार मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और जांच शुरू कर दी है। परिजनों के अनुसार, दुर्विजय सिंह पेशे से अधिवक्ता थे और उनकी पहली पत्नी करीब 20 वर्ष पहले शादी के बाद उन्हें छोड़कर चली गई थी। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2023 में दूसरी शादी रेशमा नाम की महिला से की थी। एक वर्ष पहले दोनों के एक पुत्र सार्थक का जन्म हुआ। लेकिन करीब दस दिन पहले रेशमा बेटे को साथ लेकर किसी अन्य व्यक्ति के साथ चली गई। इस घटना के बाद से ही दुर्विजय मानसिक रूप से बेहद परेशान रहने लगे थे। परिजनों का कहना है कि उन्होंने पत्नी की तलाश के लिए थाना पुलिस और रिश्तेदारों से कई बार संपर्क किया, लेकिन रेशमा लौटने को तैयार नहीं हुई। शुक्रवार की रात वह सामान्य रूप से खाना खाकर अपने कमरे में सोने चले गए। शनिवार सुबह जब घरवालों ने कमरे का दरवाज़ा खोला तो दुर्विजय का शव फंदे से झूलता मिला। घटना की सूचना मिलते ही दातागंज पुलिस मौके पर पहुंची और फॉरेंसिक जांच के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। देर शाम शव घर पहुंचने पर परिवार में कोहराम मच गया और अंतिम संस्कार किया गया। इंस्पेक्टर वेदपाल सिंह ने बताया कि “मामले की जांच चल रही है। अभी तहरीर नहीं मिली है, तहरीर मिलने पर रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। घटनास्थल से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें अधिवक्ता ने अपनी मौत के लिए पत्नी रेशमा को ज़िम्मेदार ठहराया है। नोट में लिखा है, मेरी मौत का कारण पत्नी रेशमा है। पुलिस को बुलाकर सुसाइड नोट दे देना, जिससे रेशमा जेल जा सके। मैं अपने बेटे सार्थक और पत्नी के बिना जिंदा नहीं रह सकता। मैं अवसाद में था, इसलिए आत्महत्या कर रहा हूँ। लेकिन रेशमा को जेल भेजना। सुसाइड नोट में उन्होंने अपने छोटे भाई को संबोधित करते हुए लिखा है, आपका पैर जल्द ठीक हो जाएगा। हो सके तो मुझे माफ कर देना। पुलिस अब इस सुसाइड नोट को आधार बनाकर पूरे मामले की जांच में जुट गई है और रेशमा की तलाश शुरू कर दी है।




