
मुंबई। गोरेगांव (पश्चिम) स्थित केशव गोरे स्मारक ट्रस्ट सभागार में शुक्रवार को एक भावपूर्ण और गरिमामय साहित्यिक आयोजन के अंतर्गत “माँ : अस्तित्व का अक्षर” काव्य-संग्रह का लोकार्पण एवं कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम नीलम पब्लिकेशन और साहित्यनामा के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ, जिसकी संकल्पना और संयोजन “साहित्यनामा” के संपादक डॉ. दिनेश वर्मा ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सागर त्रिपाठी ने की, जबकि मंच पर मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध चिंतक डॉ. कृपाशंकर मिश्रा उपस्थित रहे। संचालन की जिम्मेदारी रामसिंह ने सफलतापूर्वक निभाई। इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में देशभर से आमंत्रित कवियों ने माँ के अस्तित्व, ममता, संघर्ष और संवेदनाओं पर आधारित अपनी रचनाओं के माध्यम से श्रोताओं को गहराई से स्पर्श किया और सभागार को भावविभोर कर दिया। प्रस्तुत करने वाले कवियों में प्रमुख नाम थे — मार्कण्डेय त्रिपाठी, डॉ. दिनेश वर्मा, कुसुम तिवारी ‘झल्ली’, किरण मिश्रा, लक्ष्मी यादव, नीतू पाण्डेय ‘क्रांति’, किरण तिवारी, पल्लवी रानी, अर्चना वर्मा सिंह, नंदन मिश्रा, सत्यानंद त्रिपाठी, हीरालाल यादव, ऋषितु भार्गवथी, रवि यादव, जवाहरलाल निरझर, ज़ाकिर हुसैन ‘रहबर’, हरिशंन्द्र सिंह ‘सत्यवादी’, सत्यवती मोर्य, और संदीप यादव। “माँ : अस्तित्व का अक्षर” एक सामूहिक काव्य-संग्रह है, जिसमें अनेक रचनाकारों ने माँ के अस्तित्व, संघर्ष, प्रेम और नि:स्वार्थ योगदान को संवेदनशील शब्दों में पिरोया है। यह संग्रह मातृत्व के प्रति श्रद्धा, संवेदना और सम्मान का अद्वितीय दस्तावेज़ बनकर उभरा है। आयोजन की आत्मीयता और काव्य-पाठ की प्रभावशीलता ने इस साहित्यिक संध्या को अविस्मरणीय बना दिया।

