
मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ऑनलाइन बेटिंग और अवैध ब्रॉडकास्टिंग प्लेटफॉर्म ‘फेयरप्ले’ के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में 307.16 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से अटैच कर दिया है। ईडी के मुंबई ज़ोनल कार्यालय के 19 सितंबर के आदेश के अनुसार अब तक इस मामले में कुल अटैचमेंट और ज़ब्ती की राशि लगभग 651.31 करोड़ रुपये हो गई है। अटैच की गई संपत्ति में बैंक बैलेंस और दुबई में स्थित अचल संपत्ति जैसे जमीन, विला और फ्लैट शामिल हैं। जांच अप्रैल 2023 में वॉयकॉम18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा फेयरप्ले और अन्य के खिलाफ मुंबई की नोडल साइबर पुलिस में आईपीसी, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और कॉपीराइट अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर से शुरू हुई थी। शिकायत में 100 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व नुकसान का आरोप लगाया गया था। बाद में, अवैध ऑनलाइन बेटिंग के लिए फेयरप्ले और उसके सहयोगियों के खिलाफ कई अन्य एफआईआर इस मामले में शामिल कर ली गईं। ईडी के अनुसार, इस मामले में अपराध से प्राप्त धन (PoC) ‘कई सौ करोड़’ का है, जो कथित व्यापार-आधारित मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी लेन-देन के पैमाने को दर्शाता है। फेयरप्ले के पीछे कृष्ण लक्ष्मिचंद शाह को मुख्य सूत्रधार के रूप में पहचाना गया है। आरोप है कि शाह ने क्यूरासो, दुबई और माल्टा में कंपनियों का नेटवर्क बनाया, जिसमें प्ले वेंचर्स एन.वी., डच एंटील्स मैनेजमेंट एन.वी., फेयर प्ले स्पोर्ट एलएलसी और फेयरप्ले मैनेजमेंट डीएमसीसी शामिल हैं। शाह कथित रूप से अनिल कुमार दादलानी जैसे सहयोगियों की मदद से दुबई से इसका संचालन करता था। ईडी ने 2024 में कई तलाशी अभियान चलाए, संपत्ति, डिजिटल उपकरण और दस्तावेज़ ज़ब्त किए। नवंबर 2024 और जनवरी 2025 में तीन अस्थायी अटैचमेंट आदेश जारी किए गए। फरवरी 2025 में नेटवर्क में मुख्य लोगों के रूप में पहचाने गए चिंतन शाह और चिराग शाह को ईडी ने गिरफ्तार किया। अप्रैल 2025 में मुंबई की विशेष पीएमएलए कोर्ट में इस मामले में अभियोजन शिकायत दायर की गई।