
मुंबई। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में सत्ताधारी महायुति गठबंधन आगामी नगर निगम चुनावों में जानबूझकर अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को गठबंधन से बाहर रखेगा, ताकि सेक्युलर वोटों का बंटवारा किया जा सके। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी को होने वाले 29 नगर निगमों, जिनमें बृहन्मुंबई महानगरपालिका भी शामिल है, के चुनावों में बीजेपी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी, जबकि एनसीपी को अलग से मैदान में उतरने के लिए मजबूर किया जाएगा। वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि सत्ता में हिस्सेदारी के समय अजित पवार स्वीकार्य होते हैं, लेकिन चुनाव आते ही उनकी पार्टी को अलग कर दिया जाता है ताकि कांग्रेस और विपक्षी सेक्युलर वोट बंट सकें। उन्होंने बीजेपी पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर हसन मुश्रीफ जैसे नेताओं को कैबिनेट में जगह दी जाती है, वहीं दूसरी ओर चुनावों के दौरान नवाब मलिक का मुद्दा उठाकर एनसीपी को गठबंधन से दूर रखा जाता है। मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साटम द्वारा बीएमसी चुनावों में एनसीपी से दूरी बनाए रखने के बयान का जिक्र करते हुए वडेट्टीवार ने कहा कि यह सब एक सुनियोजित राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी हिंदुत्व के एजेंडे के जरिए शिवसेना को अपने साथ रखती है और हिंदू–मुस्लिम ध्रुवीकरण के बिना चुनाव नहीं जीत सकती। इसके साथ ही वडेट्टीवार ने स्थानीय निकाय चुनावों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर मामला दोबारा कोर्ट में गया और आरक्षण रद्द हुआ तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। विपक्षी रणनीति पर उन्होंने कहा कि महा विकास अघाड़ी में वोट बंटवारे से बचने के लिए स्थानीय स्तर पर राजनीतिक परिस्थितियों के अनुसार फैसले लिए जाएंगे। साथ ही उन्होंने चंद्रपुर जिले के ब्रह्मपुरी में कथित तौर पर कर्ज चुकाने के लिए एक किसान द्वारा अपनी किडनी बेचने की घटना का जिक्र करते हुए इसकी जांच और तत्काल कार्रवाई की मांग की है।



