
गुरदासपुर, पंजाब। पंजाब की सरहद पर बसा अंतिम गांव इस्लामपुर, हाल ही की बाढ़ में बुरी तरह तबाह हो गया था। घर टूट गए, जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। लेकिन अब इसी गांव में नई उम्मीद की किरण जग चुकी है। नई दिल्ली की श्री राधे माँ चैरिटेबल सोसायटी और मुंबई की श्री राधे गुरु माँ चैरिटेबल ट्रस्ट, ममतामयी श्री राधे माँ के आदेश पर गांव के पुनर्निर्माण में जुटे हैं। गांववासियों ने बताया कि बाढ़ के बाद वे पूरी तरह बेसहारा हो गए थे। ऐसे कठिन समय में श्री राधे माँ जी की प्रेरणा से मकानों का निर्माण शुरू हुआ है। सेवादार टल्ली बाबा ने कहा- ममcतामयी श्री राधे माँ का आदेश था कि बाढ़ प्रभावितों की हरसंभव मदद की जाए। अब हर घर में नए कमरे, किचन और बाथरूम बनाए जा रहे हैं। वहीं सेवादार रुपेन्द्र कश्यप ने कहा- श्री राधे माँ हमेशा निस्वार्थ सेवा का संदेश देती हैं। उन्हीं की प्रेरणा से यह मकान बन रहे हैं। सोसायटी और ट्रस्ट पूरी देखरेख में इसे अंजाम दे रहे हैं। हमारा संकल्प है कि इस्लामपुर का हर परिवार सुरक्षित छत पाए। ग्रामीणों ने भावुक होकर कहा कि जब सरकारी मदद देर से पहुंची, तब श्री राधे माँ और उनके सेवादार ही सहारा बने। ग्रामीणों का कहना है, “ममतामयी श्री राधे माँ और उनके सेवादार हमारे लिए भगवान से कम नहीं। आज हमें जीने का नया सहारा मिला है। इस बीच, एसडीएम दीनानगर को भी मामले की जानकारी पत्र के माध्यम से दी गई है। प्रशासन ने पत्र की पुष्टि करते हुए आश्वासन दिया है कि गांव का विकास कार्य सुचारु रूप से जारी रहेगा। इस्लामपुर के लोग मानते हैं कि अब यह गांव सिर्फ एक बस्ती नहीं, बल्कि सेवा, करुणा और इंसानियत का प्रतीक बन चुका है।