
मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) द्वारा रिलायंस कम्युनिकेशंस और उसके चेयरमैन अनिल अंबानी के लोन अकाउंट को ‘धोखाधड़ी’ घोषित करने के आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि बैंक का फैसला भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के नियामक ढांचे और दिशानिर्देशों के अनुसार लिया गया है। एसबीआई ने 13 जून, 2025 को रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी के अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया था। यह वर्गीकरण भारतीय रिजर्व बैंक के फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट पर मास्टर सर्कुलर और एसबीआई की आंतरिक नीतियों के आधार पर किया गया था। वही अनिल अंबानी ने इस कदम को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उनका कहना था कि:
बैंक ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत (principles of natural justice) का पालन नहीं किया। धोखाधड़ी घोषित करने से पहले उन्हें अपनी दलीलें रखने का मौका नहीं दिया गया। वर्गीकरण में उपयोग किए गए कुछ अहम दस्तावेज़ उन्हें छह महीने की देरी से उपलब्ध कराए गए। हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने एसबीआई के तर्कों को सही ठहराया। कोर्ट ने माना कि धोखाधड़ी वर्गीकरण नियामक दिशा-निर्देशों और प्रक्रियाओं के अनुरूप था और बैंक ने आवश्यक औपचारिकताओं का पालन किया। इसलिए, अंबानी की याचिका खारिज कर दी गई।
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