
देवेश प्रताप सिंह राठौर
झाँसी, उत्तर प्रदेश। हजरत करामत अली शाह सैयद सिग्नल शाह बाबा रहमतुल्लाह अलेह की दरगाह पर 105वां उर्स समारोह श्रद्धा व उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ, जिसमें जनपद के प्रतिष्ठित समाजसेवी डॉ० संदीप सरावगी मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। दरगाह कमेटी द्वारा उनका माल्यार्पण कर, पगड़ी पहनाकर एवं मोमेंटो भेंटकर भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम में देशभर से आए कलाकारों ने सूफियाना रंग में डूबी कव्वालियों की शानदार प्रस्तुतियां दीं, जिन्हें सुनकर पुलिया नंबर 9 मैदान में उपस्थित हजारों श्रोतागण झूम उठे। उर्स को हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता है। डॉ० संदीप ने कहा कि यह आयोजन भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक है और इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने तिरंगे के रंगों को धार्मिक एकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि जब सभी धर्मों के लोग मिलकर देशहित में कार्य करेंगे, तभी भारत विश्वगुरु बनेगा। उन्होंने भारत-पाक तनाव के दौरान भारतीय मुस्लिमों की राष्ट्रवादी भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि संकट के समय कोई मदद करने वाले का धर्म नहीं पूछता, इसलिए आज जरूरत है कि हम सब मिलकर देश की अखंडता के लिए कार्य करें। कार्यक्रम को सफल बनाने में इम्तियाज हुसैन, हाजी शकील पहलवान, मुमताज हुसैन, अनीस खान, राशिद बरकाती, अब्दुल आजाद, गुलफाम अब्बासी, मो. अंजुम, समीर खान, तरुण कुमार पार्षद, हामिद मंसूरी, वसीम अब्बासी, अन्ना भाई, राजा बरकाती, प्रकाश चंद्र अहिरवार, हेमंत बाबा, अमजद जाफरी सहित कई जनप्रतिनिधि, समाजसेवी व युवा मौजूद रहे।