
पुणे। पुणे के दौंड तालुका में एक 50 वर्षीय महिला किसान की मौत को पहले तेंदुए के हमले का नतीजा माना जा रहा था, लेकिन पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि महिला की हत्या उसके पति के भतीजे ने की थी। पुणे ग्रामीण पुलिस ने आरोपी, जो कडेथान गांव का उप सरपंच भी है, को गिरफ्तार कर लिया है, साथ ही उसके लिए काम करने वाले एक मजदूर को भी हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में पकड़ा गया है। लताबाई बबन धावड़े 7 दिसंबर 2023 को अपने परिवार के गन्ने के खेत में मृत पाई गई थीं। यह क्षेत्र मानव-तेंदुए संघर्ष के लिए जाना जाता है, इसलिए शुरू में उनकी मौत को तेंदुए के हमले से जोड़कर देखा गया। लेकिन घटनास्थल पर खून से सना पत्थर मिलने, शरीर पर संदेहास्पद खरोंच के निशान और इलाके में तेंदुए के स्पष्ट पैरों के निशान न मिलने के बाद वन विभाग और पुलिस को संदेह हुआ। उप वन संरक्षक महादेव मोहिते ने बताया कि फोरेंसिक विश्लेषण ने तेंदुए के हमले की संभावना को खारिज कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने जांच का रुख बदलकर जमीनी स्तर पर खुफिया जानकारी जुटाई, जिससे कडेथान के उप सरपंच और लताबाई के पति के भतीजे अनिल पोपट धावड़े तक जांच पहुंची। जांच में पता चला कि अनिल पोपट धावड़े ने अपने मजदूर सतीलाल वाल्मीक मोरे के साथ मिलकर लताबाई को पत्थर से कुचलकर मार डाला और हत्या को तेंदुए के हमले का रूप देने के लिए शव पर खरोंच के निशान बना दिए। मंगलवार को अनिल पोपट धावड़े और सतीलाल वाल्मीक मोरे को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। यवत पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर नारायण देशमुख ने पुष्टि की कि फोरेंसिक जांच और साक्ष्यों में गड़बड़ी मिलने के बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया। पिछले साल पुणे जिले में तेंदुए के हमले में नौ लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से अधिकांश मामले जुन्नार वन प्रभाग में दर्ज किए गए। लेकिन दौंड तालुका में मानव मृत्यु दुर्लभ थी, जिससे लताबाई की मौत को लेकर डर और चिंता बढ़ गई थी। अब हत्या का मामला सामने आने के बाद यह साफ हो गया कि यह एक सोची-समझी साजिश थी। फिलहाल, पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है ताकि हत्या के पीछे के असली कारणों का पता लगाया जा सके।