
मुंबई/नागपुर। अजित पवार गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ संबंधी आरोपों को “बचकाना” करार दिया। नागपुर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में तटकरे ने कहा कि मतदाता आज इतने जानकार हैं कि वे कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के गढ़े हुए विमर्श को भली-भांति समझ सकते हैं। तटकरे ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस ऐसे आरोप इसलिए लगा रही है, क्योंकि वह नवंबर 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मिली “भारी हार” को अब तक पचा नहीं पा रही है। उन्होंने कहा- राहुल गांधी निश्चित रूप से विपक्ष के नेता हैं, लेकिन उन्हें बूथ स्तर पर चुनाव प्रक्रिया की जानकारी नहीं है। उनके बयान बहुत बचकाने हैं। उन्होंने समझाया कि हर बूथ की मतदाता सूची बनने के बाद निर्वाचन आयोग नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए समय देता है और अंतिम सूची प्रकाशित होने से पहले सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित करता है। तटकरे ने कहा कि यह एक पारदर्शी प्रक्रिया है, जिसमें धांधली की गुंजाइश नहीं है। दरअसल, इससे पहले दिन में राहुल गांधी ने अपनी ‘वोट चोरी’ मुहिम के तहत मतदाता सूचियों से ‘‘कांग्रेस समर्थक मतदाताओं’’ के नाम हटाए जाने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ‘‘लोकतंत्र की हत्या करने वालों’’ और ‘‘वोट चोरों’’ की रक्षा कर रहे हैं। राहुल गांधी ने इसे युवाओं को चुनावी धांधली की असलियत दिखाने की दिशा में एक और बड़ा खुलासा बताया। अब राकांपा (अजित पवार गुट) ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए साफ कर दिया है कि वह राहुल गांधी के आरोपों को गंभीरता से नहीं लेती और इसे महज “राजनीतिक हताशा” का परिणाम मानती है।




