
मुंबई। सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग के अधीन संचालित संत रोहिदास चमड़ा उद्योग एवं चमड़ा उत्पाद विकास निगम (लिडकॉम) द्वारा मंत्रालय के त्रिमूर्ति परिसर में 29 सितंबर से 1 अक्टूबर 2025 तक चमड़ा उत्पादों की प्रदर्शनी का सफल आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी को आगंतुकों और अधिकारियों की ओर से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली। लिडकॉम की प्रबंध निदेशक प्रेरणा देशभ्रतार ने बताया कि इस प्रदर्शनी का उद्देश्य राज्य के चमड़ा कारीगरों को प्रोत्साहित करना, उनके उत्पादों को बाजार से जोड़ना और राज्य में पारंपरिक चमड़ा उद्योग को नई पहचान देना है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से स्थानीय कारीगरों को अपने कौशल और उत्पादों को प्रस्तुत करने का अवसर मिला, जिससे उनके लिए विपणन और व्यावसायिक संभावनाओं के नए द्वार खुले हैं। प्रदर्शनी का अवलोकन सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट, आदिवासी विकास मंत्री डॉ. अशोक वुइके और सामाजिक न्याय राज्य मंत्री माधुरी मिसाल ने किया। इस अवसर पर सामाजिक न्याय विभाग के प्रधान सचिव डॉ. हर्षदीप कांबले और आदिवासी विकास विभाग के प्रधान सचिव विजय वाघमारे ने भी प्रदर्शनी का मार्गदर्शन किया। लिडकॉम का मुख्य उद्देश्य राज्य में चमड़ा उद्योग का समग्र विकास करना, पारंपरिक कारीगरों को आधुनिक तकनीक से जोड़ना, और उनके उत्पादों के लिए स्थायी बाजार उपलब्ध कराना है। वर्तमान में निगम के राज्यभर में चार उत्पादन केंद्र और छह विक्रय केंद्र संचालित हैं। इन केंद्रों के माध्यम से चमड़े के सामान, जूते, और विशेष रूप से कोल्हापुरी चप्पलों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
प्रबंध निदेशक प्रेरणा देशभ्रतार ने बताया कि यह प्रदर्शनी न केवल चमड़ा उत्पादों के प्रचार-प्रसार का माध्यम बनी, बल्कि इससे जुड़े कारीगरों को उनके कौशल की आर्थिक पहचान भी मिली। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी ऐसे आयोजन नियमित रूप से किए जाएंगे ताकि राज्य का पारंपरिक चमड़ा उद्योग सशक्त और आत्मनिर्भर बन सके।




