मुंबई। महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री-माझी लड़की बहिन योजना के तहत पात्र महिलाओं को दिए जाने वाले लाभ में से कुछ बैंकों द्वारा न्यूनतम बैलेंस, ईसीएस मैंडेट रिटर्न, चेक रिटर्न जैसे शुल्क काटे जा रहे हैं। इस तरह की मनमानी करने वाले बैंकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस योजना की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक आज मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई, जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव अनुप कुमार यादव, एकीकृत बाल विकास योजना के आयुक्त कैलास पगारे और सभी जिलों के महिला एवं बाल विकास अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में यह चर्चा हुई कि कुछ महिलाओं के आधार कार्ड उनके बैंक खातों से जुड़े न होने के कारण उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके समाधान के लिए 2 से 7 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। नांदेड़ जिले में एक बड़ी गलती सामने आई, जहां आवेदन पत्र भरते समय पुरुषों के आधार नंबर और खाता नंबर दर्ज किए गए थे, जिससे योजना का पैसा पुरुषों के खातों में चला गया। इस गंभीर त्रुटि के लिए संबंधित केंद्रों और उनके प्रबंधकों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। अब तक 2 करोड़ 4 लाख महिलाओं का पंजीकरण किया जा चुका है, और 1 करोड़ 87 लाख पात्र महिलाओं को योजना का लाभ मिल चुका है। तटकरे ने बाकी आवेदनों के सत्यापन को तुरंत पूरा करने के निर्देश दिए हैं। यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है, और इस तरह की अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई से इसके लाभार्थियों को राहत मिलने की उम्मीद है।