
मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस में ईमानदारी की कसौटी को मजबूत करते हुए, राज्य के डीजीपी ने मुंबई पुलिस के दो अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। ये दोनों अधिकारी एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के जाल में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए थे। यह कार्रवाई 26 सितंबर को वडाला टीटी पुलिस स्टेशन में हुए सफल ट्रैप ऑपरेशन के बाद की गई। एसीबी टीम ने सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर चंद्रकांत सरोदे (52) और असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर राहुल वाघमोडे को 2.30 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। सूत्रों के अनुसार, शिकायतकर्ता ने बताया था कि अधिकारियों ने उसकी बेटी को एक आपराधिक मामले में फंसाने से बचाने के एवज में 5.5 लाख रुपए की मांग की थी। बाद में बातचीत के बाद यह रकम घटाकर 4.5 लाख रुपए तय हुई। जांच में खुलासा हुआ कि पीएसआई वाघमोडे, सरोदे की ओर से रिश्वत मांग रहे थे। जब शिकायतकर्ता ने एसीबी से संपर्क किया, तो अधिकारियों ने एक ट्रैप ऑपरेशन तैयार किया। योजना के तहत 26 सितंबर को, सरोदे ने अपने ऑफिस में ₹2 लाख की पहली किस्त ली जबकि वाघमोडे ने 30,000 रुपए स्वीकार किए। उसी वक्त एसीबी टीम ने छापा मारा और दोनों को मौके पर गिरफ्तार कर लिया। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया गया है। मुंबई पुलिस कमिश्नर की रिपोर्ट और अनुशंसा पर, महाराष्ट्र के डीजीपी ने शुक्रवार को दोनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया। यह कार्रवाई राज्य पुलिस की “जीरो-टॉलरेंस टू करप्शन” नीति का उदाहरण मानी जा रही है। ऑपरेशन की निगरानी एसीबी के एडिशनल डीसीपी राजेंद्र सांगले ने की थी।




