
मुंबई। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री मेघना बोर्डीकर ने सोमवार को कहा कि परभणी जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर पहला सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और जिले में एकल महिलाओं के अनुपात को देखते हुए, राज्य भर में उनके सशक्तिकरण के लिए विभिन्न गतिविधियाँ लागू की जाएँगी। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत, नगर पालिका और महानगर पालिका क्षेत्रों में भी जल्द ही सर्वेक्षण किया जाएगा। राज्य मंत्री बोर्डीकर ने बताया कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कौशल विकास, स्वयं सहायता समूहों का मज़बूतीकरण, कुटीर उद्योगों को बढ़ावा, स्वास्थ्य और आश्रय सुविधाओं जैसे कार्यक्रम लागू किए जाएँगे। इसके लिए सरकार, स्थानीय स्व-सरकारी निकायों और सीएसआर भागीदारों के माध्यम से एक एकीकृत रणनीतिक कार्य योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि तालुका और ज़िला स्तर पर कार्य समूह बनाए जाएँगे, ताकि 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं के लिए वृद्धावस्था योजनाओं में आ रही कमी को दूर किया जा सके और उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा और आजीविका के लिए नई पहल शुरू की जा सके। उमेद और माविम की मदद से स्वरोज़गार और कौशल विकास के प्रयास तेज़ी से शुरू किए जाएँगे। बोर्डीकर ने कहा- राज्य में एकल महिलाएँ एक उपेक्षित मुद्दा हैं। इस सर्वेक्षण से उनकी सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति का स्पष्ट पता चला है। आगामी कार्य योजना इन महिलाओं को व्यापक सशक्तिकरण प्रदान करेगी और महिला सम्मान व सामाजिक समावेशन को मज़बूती देगी। परभणी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में, आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से किए गए सर्वेक्षण में 34,733 एकल महिलाओं की पहचान हुई है, जिनमें बड़ी संख्या में विधवाएं और वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं। इन महिलाओं में भूमि, आवास और आय के साधनों का स्वामित्व, स्वास्थ्य, आश्रय, आजीविका और सामाजिक सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुँच का गंभीर अभाव पाया गया है। यही कारण है कि इस पहल को महत्वपूर्ण सामाजिक हस्तक्षेप के रूप में देखा जा रहा है।