
मुंबई। राज्य में सिकल सेल बीमारी की रोकथाम और समय पर पहचान को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रकाश आबिटकर ने निर्देश दिए हैं कि सिकल सेल रोग की अधिकता वाले 21 जिलों में एक भी नागरिक स्क्रीनिंग से वंचित न रहे। इसके लिए हर दो सप्ताह में विशेष स्क्रीनिंग अभियान चलाया जाएगा। गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री आबिटकर की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग से जुड़े विभिन्न विषयों पर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव ई. रवींद्रन, स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. कादंबरी बलकवड़े, स्वास्थ्य संचालक डॉ. विजय कंडेवाड़, संयुक्त संचालक डॉ. सुनीता गोलहैत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में जानकारी दी गई कि सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की ओर से 18 दिसंबर से 15 जनवरी 2026 तक सिकल सेल अभियान की व्यापक तैयारी की जाएगी। इसके बाद 15 जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक “हर दो सप्ताह में एक बार सिकल सेल स्क्रीनिंग विशेष अभियान” राज्यभर में चलाया जाएगा। मंत्री आबिटकर ने निर्देश दिए कि इस अभियान के दौरान सभी संबंधित एजेंसियां आपसी समन्वय से प्रभावी योजना बनाएं, ताकि सिकल सेल से प्रभावित 21 जिलों में हर व्यक्ति की जांच सुनिश्चित की जा सके। स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि सिकल सेल बीमारी का समय पर पता लगना, रोगियों को उचित उपचार और रेफरल सेवाएं उपलब्ध कराना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोई भी सिकल सेल रोगी जांच से वंचित नहीं रहना चाहिए, इसके लिए प्रशासन पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करे। बैठक के दौरान मंत्री आबिटकर ने एक अन्य अहम निर्देश देते हुए कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कार्यरत मेडिकल अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन हर माह 1 से 5 तारीख के बीच अनिवार्य रूप से वितरित किया जाए। यदि वेतन भुगतान में किसी भी प्रकार की देरी होती है, तो इसके लिए संबंधित अधिकारी को सीधे तौर पर जिम्मेदार माना जाएगा।
इसके साथ ही उन्होंने जिला स्तर के स्वास्थ्य संस्थानों को निर्देश दिए कि वे जरूरत के अनुसार ही खरीदारी करें, अनावश्यक खर्चों से बचें और सभी कार्यों में पारदर्शिता बनाए रखें। मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक धन का उपयोग पूरी जवाबदेही और विवेक के साथ होना चाहिए।



