
मुंबई। केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना’ के तहत ० से ३०० यूनिट तक बिजली उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए रूफटॉप सोलर पैनल प्रदान करने की योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, उपभोक्ताओं को हर महीने मुफ्त ३०० यूनिट तक बिजली मिलेगी। इसके पूरक के रूप में, महाराष्ट्र सरकार भी अपनी स्वतंत्र योजना लाने वाली है, जिसकी जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान दी।
बिजली दरों में कमी के लिए सरकार के प्रयास
विधानसभा में बिजली दरों में वृद्धि का मुद्दा विधायक मुरजी पटेल ने उठाया, जिसमें भास्कर जाधव ने भी चर्चा में भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बिजली दरों को कम करने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग के समक्ष अगले पांच वर्षों (२०२५-२६ से २०२९-३०) के लिए एक बहुवर्षीय टैरिफ याचिका प्रस्तुत की गई है। इसके परिणामस्वरूप, हर साल बिजली की दरों में कमी आएगी। मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है, जिसने अगले पांच वर्षों तक बिजली दरों में वार्षिक कमी की याचिका दायर की है। यह राज्य के उपभोक्ताओं को सस्ती और स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुंबई में बिजली वितरण और नई योजना
मुंबई शहर के लिए बेस्ट, टाटा पावर, अडानी और महावितरण जैसी बिजली वितरण कंपनियों ने भी महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग के समक्ष बहुवर्षीय टैरिफ याचिका प्रस्तुत की है। मुंबई की बड़ी इमारतों में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों स्रोतों से बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार उन इमारतों के लिए एक नई योजना लाने पर विचार कर रही है, जो अपनी मौजूदा क्षमता से अधिक बिजली उत्पादन कर सकती हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया कि बिजली दरों को मंजूरी देने का अधिकार विद्युत नियामक आयोग के पास है। सरकार ने २०२५-२६ से २०२९-३० की अवधि के लिए निर्धारित बिजली दरों को अनुमोदन के लिए आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया है। सभी नियामक प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद, नया बिजली टैरिफ आदेश जारी किया जाएगा, और उसी के अनुसार बिजली वितरण कंपनियां दरें लागू करेंगी।