
मुंबई। इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (आईएएस) 2024 बैच के प्रोबेशनरी अधिकारियों ने शुक्रवार को चीफ इन्फॉर्मेशन कमिश्नर कार्यालय में राज्य मुख्य सूचना आयुक्त राहुल पांडे से मुलाकात कर संवाद किया। इस अवसर पर राहुल पांडे ने कहा कि राइट टू इन्फॉर्मेशन (आरटीआई) एक्ट के लागू होने से सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूती मिली है। उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों से अलग महाराष्ट्र में एक ही सूचना आयोग के बजाय हर रेवेन्यू डिपार्टमेंट के लिए अलग सूचना आयोग कार्यरत है, जिससे नागरिकों को विभागीय स्तर पर सूचना प्राप्त करने में सुविधा हो रही है। प्रोबेशनरी अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में वे ‘पब्लिक अथॉरिटी’ के रूप में कार्य करेंगे और उनके सभी निर्णय, आदेश और कार्य आरटीआई के दायरे में आएंगे, इसलिए प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखना अनिवार्य है। उन्होंने डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर फंड, विधायक निधि और विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी पूरी पारदर्शिता बरतने पर ज़ोर दिया और कहा कि जनता का विश्वास बनाए रखना सुशासन की पहचान है, जबकि सूचना आयोग का काम सरकार और नागरिकों के बीच संवाद को मजबूत करना है। उन्होंने कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग जैसी पहलों का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे शासन व्यवस्था अधिक खुली और पारदर्शी हो रही है। इसके साथ ही सामाजिक असमानता को ध्यान में रखते हुए कानूनों को व्यावहारिक दृष्टिकोण से लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया। बढ़ते आरटीआई आवेदनों के मद्देनज़र सरकारी कार्यालयों के अधिक से अधिक दस्तावेजों के डिजिटलीकरण और सूचनाओं को पहले से सार्वजनिक करने को सबसे प्रभावी समाधान बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे समय और धन दोनों की बचत होगी और इस दिशा में राज्य स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं। इस दौरान राहुल पांडे ने अधिकारियों से परिचय लिया, उनके सवालों का समाधान किया और सूचना आयोग के कामकाज की विस्तृत जानकारी दी।




