
मुंबई। महिला सुरक्षा और शिक्षा के क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय एनजीओ मुक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष और संस्थापक स्मिता ठाकरे ने वंचित बच्चों को सशक्त बनाने के लिए नई पहल की है। उन्होंने ‘मुक्ति कल्चरल हब’ की शुरुआत की है, जिसके माध्यम से स्लम इलाकों के बच्चों को निःशुल्क कला और नाट्य वर्कशॉप उपलब्ध कराई जाएगी।
अनुपम खेर के संस्थान से साझेदारी
इस कल्चरल हब के लिए अनुपम खेर के एक्टर प्रिपेयर्स संस्थान के साथ साझेदारी की गई है। विशेषज्ञ प्रशिक्षक बच्चों को डांस, नाटक और अभिनय की बारीकियाँ सिखाएँगे। स्कूल स्तर पर चयन प्रक्रिया होगी और विशेष प्रतिभा वाले बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी।
बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर जोर
मुंबई के ताराबेन मास्टर स्कूल में इस पहल की घोषणा करते हुए स्मिता ठाकरे ने कहा कि केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि बच्चों के व्यक्तित्व विकास की भी आवश्यकता है। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा- अपनी कला को आत्मविश्वास के साथ दुनिया के सामने लाओ। डांस, म्यूजिक, एक्टिंग या गायकी में जोश दिखाओ और सफलता की ओर पहला कदम बढ़ाओ।
शिक्षा, भोजन और कला—मुक्ति फाउंडेशन की त्रिशक्ति
यह घोषणा फाउंडेशन के ‘आओ भूख मिटाएँ’ अभियान के साथ की गई। स्मिता ठाकरे ने कहा कि पेट भरने के बाद ही बच्चे अपने हुनर को निखार सकते हैं। इसलिए मुक्ति फाउंडेशन स्लम बस्तियों के बच्चों को शिक्षा, भोजन और अब कला की दिशा में अवसर उपलब्ध करा रहा है। इस पहल का समर्थन पहले भी कई सितारे कर चुके हैं। टाइगर श्रॉफ, वरुण धवन और श्रद्धा कपूर जैसे कलाकार मुक्ति फाउंडेशन से जुड़े हैं। साथ ही, फिल्म इंडस्ट्री के कई वरिष्ठ अभिनेता और निर्देशक भी इस कल्चरल हब से जुड़ने की इच्छा जता चुके हैं। स्मिता ठाकरे का मानना है कि प्रतिभा अमीर या गरीब की सीमा में बंधी नहीं होनी चाहिए, हर बच्चे को कला के मंच तक पहुँचना चाहिए।





