मुंबई। शुक्राना मोशन पिक्चर्स ने अपनी पहली फिल्म ‘मूत्र विसर्जन वर्जित है’ की घोषणा के साथ ध्यान आकर्षित किया है। यह फिल्म एक ऐसे महत्वपूर्ण लेकिन अनदेखे मुद्दे पर केंद्रित है, जिसे अक्सर समाज में नजरअंदाज कर दिया जाता है सार्वजनिक रूप से पेशाब करना। नीरज भदानी और नरेंद्र साहू द्वारा स्थापित शुक्राना मोशन पिक्चर्स, इस असामान्य लेकिन प्रासंगिक विषय पर आधारित फिल्म के साथ अपने फिल्म निर्माण में नवीनता और साहस का परिचय दे रही है।
फिल्म की थीम और संदेश
‘मूत्र विसर्जन वर्जित है’ स्वच्छता और सार्वजनिक स्थानों के सम्मान को ध्यान में रखते हुए हास्य और सामाजिक टिप्पणी का अद्भुत मिश्रण पेश करती है। यह फिल्म एक सवाल उठाती है: क्या हम अपने सार्वजनिक स्थानों को साफ रखने का जिम्मा ले सकते हैं, या उन्हें यूं ही कूड़ेदान की तरह इस्तेमाल करते रहेंगे?
संस्थापक नीरज भदानी का विचार
“हम एक वर्जित विषय पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन इसके जरिए महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश भी दे रहे हैं। हमारा उद्देश्य ऐसी फ़िल्में बनाना है जो दर्शकों को हंसाने के साथ-साथ सोचने और बदलाव करने के लिए प्रेरित करें। यह एक असामान्य विषय है, लेकिन इसे प्रभावी और मनोरंजक ढंग से प्रस्तुत करना हमारा लक्ष्य है। फिल्म के जरिए हम स्वच्छता के प्रति लोगों की लापरवाही और उसके दूरगामी परिणामों को दिखाना चाहते हैं। इस फिल्म में कायनात अरोड़ा, वरीना हुसैन, सत्यजीत दुबे, हितेन तेजवानी, विनय आनंद, और बिजेंद्र काला जैसे कलाकार शामिल हैं, जिन्होंने कहानी को जीवंत बनाने में योगदान दिया है। शिवम मिश्रा द्वारा लिखित इस फिल्म का उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है। फिल्म यह सवाल उठाने की हिम्मत करती है: “क्या हम अपने सार्वजनिक स्थानों का सम्मान करना सीख सकते हैं?” यह सवाल हर उस दीवार के लिए महत्वपूर्ण है जिसके पास से हम रोज़ गुजरते हैं।